पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत के कार्यकर्ताओं ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर के बाहर बलोचिस्तान में पाकिस्तान प्रशासन की ओर से स्थानीय लोगों के उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन किया।
बलूचिस्तान में मानवाधिकर के उल्लंघन पर निगरानी करने के लिये प्रदर्शनकारियों ने विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने की भी मांग की।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मेहरान मारी ने कहा, 'चीन को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ भी दोस्ती नहीं निभाई। पाक से दोस्ती में उसकी ही अंगुलियों के जलने का खतरा है।'
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उन्होंने कहा, 'पिछले 4 से 5 महीनों में बलूचिस्तान में स्थिति बहुत बदतर हो गई है। पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसियां हमारे बच्चों और महिलाओं का अपहरण तक कर रही हैं।'
बलोच प्रदर्शनकारियों नें चीन इकनॉमिक कॉरिडोर का भी विरोध कर रहे थे।
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बलूच प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को लेकर यूरोपीय संसद के वाइस प्रेसिडेंट रिजार्ड जारनेकी ने कहा, 'पाकिस्तान की ओर से बलोचिस्तान में जिस तरह की हिंसा की जा रही है उसे यूरोपियन यूनियन स्वीकार्य नहीं कर सकता है। '
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बलोच प्रदर्शनकारियें ने संयुक्त राष्ट्र दफ्तर के बाहर पहले भी प्रदर्शन किया था। पिछले साल 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बलोचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार के मुद्दे का जिक्र किया था। जिसके बाद कई देशों में प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन किया था।
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Source : News Nation Bureau