बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा स्थित कार्यालय के बाहर पाकिस्तान और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया है। लगातार पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान के मुद्दे पर प्रतिनिधियों का प्रदर्शन तेज़ होता जा रहा है।
इससे पहले 18 सिंतबर को भी ब्लूचिस्तान के वर्ल्ड बलूच ऑर्गनाइज़ेशन ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के सामने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के क्रूर कार्यान्वयन के प्रति अपना असंतोष व्यक्त कर रहे है।
उनका आरोप है कि सीपीईसी के निर्माण कार्य शुरु होने के बाद से बलूच लोगों को जबरन वहां से हटाया जा रहा है। सीपीईसी के चलते विकास के दावों के बावजूद पाकिस्तानी अधिकारी बलूच लोगों का दमन कर रहे हैं और उन्हें प्रभावी रूप से सभी स्तरों पर इस परियोजना से बाहर रखा गया है।
बलूचिस्तान में दमन का मुद्दा UNHRC में उठा, पाकिस्तान के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन
इस परियोजना पर किसी भी तरह के विरोध को बुरी तरह से दबाया जाता रहा है। वहीं इस मुद्दे पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के मानवाधिकार परिषद के 36वें नियमित सत्र में बलूच नेता मीर सुलेमान दाऊद जान ने दमन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि पिछले महीने बलूचिस्तान में 360 से ज्यादा लोगों की हत्या हुई।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान कर रहा मानवाधिकारों का हनन, आज़ादी के पक्ष में 90% जनता: मीर सुलेमान
उन्होनें बताया था कि यदि संयुक्त राष्ट्र द्वारा जनमत संग्रह कराया जाता है तो मेरा मानना है कि बलूच की 90% जनता आजादी के लिए मतदान करेगी।
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Source : News Nation Bureau