बलोचिस्तान में पाकिस्तान सरकार और सेना की क्रूरता और मानवाधिकार उल्लंघन जैसी घटनाओं के खिलाफ जर्मनी के म्यूनिख में बलोच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) ने शनिवार को प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे बलोच कार्यकर्ता पोस्टर के जरिये पाकिस्तान और चीन की गुटबंदी को चुनौती देते देखे गए। प्रदर्शनकारियों के पोस्टर पर लिखा था, 'चीन आतंकी देश पाकिस्तान का समर्थन करना बंद करे। चीन पाकिस्तान की साठ-गांठ विश्व शांति के लिए खतरा है।'
बलोच रिपब्लिकन पार्टी ने यह प्रदर्शन म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस के आयोजन के अवसर पर किया। म्यूनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में पाकिस्तान सहित 70 देशों ने भाग लिया था।
बलोच रिपब्लिकन पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रदर्शन में पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य सिक्योरिटी कांफ्रेंस में हिुस्सा ले रहे देशों को बलोचिस्तान में चल रहे पाकिस्तान की क्रूरता और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं के बारे में सूचित करना था।
रैली को संबोधित करते हुए बीआरपी जर्मनी चैप्टर के अध्यक्ष जावद बलोच ने कहा, 'पाकिस्तान सिर्फ बलोचिस्तान के लिए ही नहीं बल्कि समूचे क्षेत्र खासकर अफगानिस्तान और भारत के लिए कैंसर है। वह धार्मिक कट्टरपंथियों को शरण देकर क्षेत्र में अशांति फैलाने का काम कर रहा है।'
उन्होंने कहा, 'हाल ही में अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान को आतंकी देश के वॉच लिस्ट में शामिल करना हमारी बार-बार उठाए गए मांग की पुष्टि करता है।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बलोच को अल्पसंख्यक में बदलने और उनकी जमीन हड़पने के लिए चीन के साथ कथित चीन पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट के लिए हाथ मिलाया है।
जावद ने कहा कि पाकिस्तान की क्रूरता बलोचिस्तान में पिछले 70 साल से चलते आ रही है लेकिन चीन के साथ हाथ मिलाने के बाद पाकिस्तान रोजाना तरीके से ऐसी घटनाओं को बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा, 'हम बलोच एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में सिक्योरिटी कांफ्रेंस में हिस्सा ले रहे देशों से मांग करते हैं कि बलोचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन और न्यायिक हत्याओं को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएं।'
और पढ़ें: मालदीव: पूर्व राष्ट्रपति बोले- हमारे कारण भारत-चीन में न हो तनाव
Source : News Nation Bureau