रविवार को ह्यूस्टन में पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की साझा मौजूदगी वाले हाउडी मोदी कार्यक्रम की तरफ सिर्फ भारतीयों या अमेरिकी भारतीय समुदाय की ही निगाहें नहीं लगी हैं. इस भव्य कार्यक्रम पर पाकिस्तान के अत्याचार से त्रस्त सिंधी, बलूच और पश्तो समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वालों की नजरें भी टिकी हैं. यह सभी पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग लंबे समय से कर रहे हैं और ह्यूस्टन में मोदी और ट्रंप से इस मामले पर मदद मांगने की कोशिश करेंगे. इसके लिए ये एनआरजी स्टेडियम के सामने हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर तैनात हो गए हैं.
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पाकिस्तान हुक्मरानों के अत्याचार से त्रस्त हैं अल्पसंख्यक
ह्यूस्टन से पहले जेनेवा, न्यूयॉर्क और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधि ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग समेत जबरन धर्मांतरण और पाकिस्तान सेना के बलात अपहरण से जुड़ी ज्यादितियों पर अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं. ह्यूस्टन में भी बलूच अमेरिकी, सिंधी अमेरिकी और पश्तो अमेरिकी समुदायों के हजारों सदस्य सामूहिक रूप से मोदी और ट्रंप से आग्रह करेंगे कि वह उन्हें पाकिस्तान से आजादी दिलाने में मदद करें.
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पाकिस्तान से आजादी की मांग है मुख्य मुद्दा
बलूच नेशनल मूवमेंट के अमेरिकी प्रतिनिधि नबी बक्शा बलूच ने कहा, 'हमें पाकिस्तान से आजादी चाहिए. भारत और अमेरिका को हमारी उसी तरह से मदद करनी चाहिए, जैसे 1971 में भारत ने बांग्लादेश के लोगों की मदद की थी.' उन्होंने कहा कि हम यहां प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध करेंगे कि वे हमारा समर्थन करें. पाकिस्तानी सरकार द्वारा बलूच लोगों के खिलाफ मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है.
HIGHLIGHTS
- ह्यूस्टन में पाकिस्तान के बलूच, सिंधी और पश्तो समुदाय के लोग पहुंचे.
- मोदी और ट्रंप से पाकिस्तान से आजादी दिलाने में मदद का मांगेगे समर्थन.
- ईशनिंदा और जबरन धर्मांतरण के साथ पाक सेना के अत्याचारों से त्रस्त हैं.