इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर निर्माण की योजना एक बार फिर से अधर में लटक गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन आवंटन को रद्द कर दिया है. राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने मंदिर के लिए तय की गई इस जमीन का आवंटन रद्द करने का निर्णय लिया है. हालांकि पाकिस्तान सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से इसे लेकर अभी कोई बयान सामने नहीं आया है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लगातार भेदभाव का शिकार हो रहे हैं, यह साफ देखा जा सकता है. हालांकि अल्पसंखयकों के साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचार को लेकर पकिस्तान सरकार हमेशा से इनकार करती आई है, मगर एक के बाद एक देश में इस तरह की घटनाएं होने से हिंदू समुदाय में निराशा है.
2017 में भूमि आवंटन को मंजूरी मिली थी
बता दें कि इस मंदिर को लेकर पाकिस्तान के मंत्रियों ने पहले दावा किया था कि यह मंदिर इस बात का सबूत होगा कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं होगा. लेकिन, जमीन आवंटन रद्द होने के बाद दिख रहा है कि पाक सरकार अल्पसंख्यकों के बारे में क्या और कैसे सोचती है. इस्लामाबाद में मंदिर निर्माण के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया साल 2016 में शुरू हुई थी. इसके बाद साल 2017 में भूमि आवंटन को मंजूरी मिल गयी थी, लेकिन 2021 में जमीन का आवंटन ही रद्द कर दिया गया है, जिसके बाद मंदिर निर्माण की उम्मीदें भी टूट गई है.
यह भी पढ़ें- सरकार शराबबंदी पर मुस्तैद, विपक्ष स्टेमेंट देने में लगा है, 16 नवंबर को उच्चस्तरीय बैठक : नीतीश
सीडीए के वकील ने हाईकोर्ट को इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया है कि देश की सरकार ने मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी थी. जिस इलाके में मंदिर के लिए जमीन आवंटित की गई थी वह ग्रीन जोन में आता है. सरकार की ओर से ग्रीन जोन पर रोक लगाने के बाद अब मंदिर निर्माण पर भी रोक लग गई है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें लगातार देखने को मिल रही हैं. यहां पर आए दिन मंदिरों पर हमलाकर इन्हें तोड़ने के प्रयास होते हैं. इसके साथ अल्यसंख्यकों की बेटियों के साथ जबरन निकाह किया जाता है. उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है.