नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill 2019) भारत के संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद से यह लागू हो जाएगा. दूसरी ओर, इस बिल को लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री ने इस बिल को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री डा. एके अब्दुल मोमेन (Dr. AK Abdul Momen) ने कहा, बहुत कम ही देश ऐसे हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश जितना अच्छा है. यदि वह (गृह मंत्री अमित शाह) कुछ महीनों के लिए बांग्लादेश में रहे, तो उन्हें हमारे देश में अनुकरणीय सांप्रदायिक सौहार्द दिखाई देगा.
यह भी पढ़ें : नागरिकता संशोधन बिल का सुप्रीम कोर्ट में जाना तय, इन नेताओं ने दिए संकेत
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने आगे कहा, उन्हें (भारत) अपने ही देश के भीतर कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. उन्हें आपस में लड़ने दें. इससे हमें कोई परेशानी नहीं है. एक मित्र देश के रूप में हम आशा करते हैं कि भारत कुछ ऐसा नहीं करेगा जो हमारे दोस्ताना संबंधों को प्रभावित करता है.
इससे पहले सोमवार को लोकसभा तो बुधवार को राज्य सभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. राज्य सभा में इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 99 वोट पड़े. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दोपहर 12 बजे राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया. 6 घंटे की चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में सदस्यों को उनके सवालों का जवाब दिया. उसके बाद वोटिंग कराई गई, जिसके बाद राज्यसभा में यह ऐतिहासिक बिल पास हो गया.
यह भी पढ़ें : सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को दी सलाह, T20 विश्व कप जीतना है तो करना होगा यह काम
पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रावधान है. बहस के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि इस बिल के माध्यम से उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए हैं. दरअसल यही बात बांग्लादेश को नागवार गुजरी है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने की आपत्तिजनक टिप्पणी, कही ये बड़ी बात
Citizenship Amendment Bill 2019 : बांग्लादेश के विदेश मंत्री डा. एके अब्दुल मोमेन ने कहा, गृह मंत्री अमित शाह कुछ महीनों के लिए बांग्लादेश में रहे, तो उन्हें हमारे देश में अनुकरणीय सांप्रदायिक सौहार्द दिखाई देगा.
Follow Us
नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill 2019) भारत के संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद से यह लागू हो जाएगा. दूसरी ओर, इस बिल को लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) के विदेश मंत्री ने इस बिल को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री डा. एके अब्दुल मोमेन (Dr. AK Abdul Momen) ने कहा, बहुत कम ही देश ऐसे हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश जितना अच्छा है. यदि वह (गृह मंत्री अमित शाह) कुछ महीनों के लिए बांग्लादेश में रहे, तो उन्हें हमारे देश में अनुकरणीय सांप्रदायिक सौहार्द दिखाई देगा.
यह भी पढ़ें : नागरिकता संशोधन बिल का सुप्रीम कोर्ट में जाना तय, इन नेताओं ने दिए संकेत
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने आगे कहा, उन्हें (भारत) अपने ही देश के भीतर कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. उन्हें आपस में लड़ने दें. इससे हमें कोई परेशानी नहीं है. एक मित्र देश के रूप में हम आशा करते हैं कि भारत कुछ ऐसा नहीं करेगा जो हमारे दोस्ताना संबंधों को प्रभावित करता है.
इससे पहले सोमवार को लोकसभा तो बुधवार को राज्य सभा से भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया. राज्य सभा में इस बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 99 वोट पड़े. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दोपहर 12 बजे राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया. 6 घंटे की चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में सदस्यों को उनके सवालों का जवाब दिया. उसके बाद वोटिंग कराई गई, जिसके बाद राज्यसभा में यह ऐतिहासिक बिल पास हो गया.
यह भी पढ़ें : सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को दी सलाह, T20 विश्व कप जीतना है तो करना होगा यह काम
पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को इस बिल में नागरिकता देने का प्रावधान है. बहस के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि इस बिल के माध्यम से उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए हैं. दरअसल यही बात बांग्लादेश को नागवार गुजरी है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो