बांग्लादेश ने रविवार को देश का 'विजय दिवस' मनाया और भारत के 12 जवानों को मरणोपरांत सम्मानित किया. पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद बांग्लादेश के निर्माण के दिन को देश में 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है. राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्र से देश की समृद्धि के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया.
बांग्लादेश के निर्माण के 47 साल पूरे हो गये हैं और जनता में इस ऐतिहासिक मौके पर जश्न का माहौल है. 'बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' ने खबर दी कि बांग्लादेशी सरकार ने भारतीय सैन्य बलों के 12 जवानों को मरणोपरांत सम्मानित किया. इन जवानों ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर किये थे.
देश को दिये अपने संदेश में राष्ट्रपति हामिद ने कहा, 'अगर हम अपनी जनता को लाखों लोगों के शहीद होने पर मिली आजादी का लाभ पहुंचाना चाहते हैं तो एकसाथ मिलकर काम करने का कोई विकल्प नहीं है, फिर चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल या दर्शन का अनुसरण करने वाले क्यों न हों.'
उन्होंने कहा, 'मैं देश की जनता से मुक्ति संग्राम की भावना को हकीकत में बदलने और समृद्धि की तरफ देश को आगे बढाने में अपना योगदान देने का अनुरोध करता हूं.'
हामिद ने आगामी चुनाव का जिक्र करते हुए आशा जताई कि चुनाव लोकतंत्र की विजय सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के विकास को जारी रखने के लिए जनता ईमानदार, योग्य और देशभक्त उम्मीदवारों को चुनेगी.
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विजय दिवस के अपने संदेश में प्रधानमंत्री हसीना ने देश की जनता से मुक्ति संग्राम की भावना को ध्यान में रखते हुए मिलकर काम करने का अनुरोध किया.
बांग्लादेश की सरकार ने भारतीय सैन्य बलों के 1600 से अधिक जवानों को सम्मानित करने का फैसला किया है जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर प्राणों की आहुति दी थी.
Source : PTI