Advertisment

दिवालिया पाकिस्तान एक-एक रुपए का मोहताज, फिर भी बढ़ा रहा परमाणु हथियार

विश्व बैंक समेत सऊदी अरब और चीन से लगातार कर्ज ले रहा पाकिस्तान अपनी सशस्त्र सेनाओं को निरंतर मजबूत करने के साथ-साथ परमाणु हथियारों तथा मिसाइलों के जखीरे को भी बढ़ा रहा है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
दिवालिया पाकिस्तान एक-एक रुपए का मोहताज, फिर भी बढ़ा रहा परमाणु हथियार

परमाणु हथियारों के मामले में भारत को छोड़ देगा पीछे पाकिस्तान.

Advertisment

लगभग दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान आर्थिक बदहाली के बावजूद अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है. विश्व बैंक समेत सऊदी अरब और चीन से लगातार कर्ज ले रहा पाकिस्तान अपनी सशस्त्र सेनाओं को निरंतर मजबूत करने के साथ-साथ परमाणु हथियारों तथा मिसाइलों के जखीरे को भी बढ़ा रहा है. रक्षा मंत्रालय की वर्ष 2018-19 के लिए जारी वार्षिक रिपोर्ट में सुरक्षा परिदृश्य अध्याय में पाकिस्तान की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कहा गया है कि समावेशी और संतुलित आर्थिक विकास न होने के कारण वहां राजनैतिक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. गत वर्ष चुनाव के बाद इमरान खान सरकार के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तानी सेना का देश की विदेश, सुरक्षा और रक्षा नीति के मामले में वर्चस्व बढ़ा है.

यह भी पढ़ेंः बांग्लादेशी हिंदू महिला के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला, जानिए क्या थी वजह

2025 तक हो जाएंगे 250 परमाणु हथियार
पड़ोसी देशों के साथ सुरक्षा संबंधी परिदृश्य की समीक्षा करते हुए रिपोर्ट में यह बात प्रमुखता के साथ कही गयी है कि पाकिस्तान अपनी सशस्त्र सेनाओं को लगातार मजबूत करने में लगा है. खस्ता आर्थिक हालत के बावजूद वह विशेष रूप से परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है और साथ ही मिसाइलों की क्षमता बढ़ाने में भी लगा है. अंतर्राष्ट्रीय अनुमानों के अनुसार पाकिस्तान के पास 140 से 150 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के पास 130 से 140 परमाणु हथियार हैं. यदि पाकिस्तान इस रफ्तार से परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाता रहा तो वर्ष 2025 तक उसके पास लगभग 250 परमाणु हथियार हो जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः निर्मला सीतारमण ने खोला राज, क्यों लाई थीं लाल रंग के कपड़े में बजट पत्र

आतंकवाद पर कार्रवाई सिर्फ दिखावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान जातीय-क्षेत्रीय संघर्षों से जूझ रहा है. यह संघर्ष पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कबाइली क्षेत्रों से देश के भीतरी इलाकों तक हो रहे हैं. धार्मिक कट्टरपंथ भी बढ़ता जा रहा है. पड़ोसी देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त जेहादी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है बल्कि उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए समर्थन दिया जा रहा है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गत फरवरी में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के हमले से इस बात की पुष्टि होती है कि पाकिस्तान अपनी सीमा पार आतंकवाद की नीति पर चलते हुए भारत को निशाना बना रहा है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन

जम्मू-कश्मीर में दे रहा आतंकवाद को बढ़ावा
रक्षा मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर की स्थिति का उल्लेख करते हुए उसे विस्फोटक करार दिया और कहा कि पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम जैसे भीतरी इलाके आंतकवादी घटनाओं का केन्द्र बने रहे. नियंत्रण रेखा के साथ पीर पंजाल चोटियों के दक्षिण में बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं के कारण घुसपैठ निरंतर जारी है. नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बदस्तूर जारी संघर्ष विराम की घटनाओं पर अब कुछ अंकुश लगा है. वर्ष 2016 में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 228, 2017 में 860 और 2018 में 1629 घटनाएं हुई हैं. 2018 में सेना ने घुसपैठ की 15 कोशिशों को विफल किया जिसमें 35 आतंकवादी मारे गए, जबकि वर्ष 2017 में घुसपैठ की 33 कोशिशों को विफल किया गया जिसमें 59 आंतवादी मारे गए. जम्मू कश्मीर के भीतरी इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियान में वर्ष 2018 में 254 आतंकवादी मारे गए.

HIGHLIGHTS

  • रक्षा मंत्रालय की वर्ष 2018-19 रिपोर्ट में पाकिस्तान के नापाक इरादों का खुलासा.
  • 2025 तक पाकिस्तान के पास लगभग 250 परमाणु हथियार हो जाएंगे.
  • पाकिस्तान आतंकवाद की नीति पर चलते हुए भारत को बना रहा निशाना.
PM Narendra Modi INDIA jammu-kashmir imran-khan nuclear arsenal Bankrupt Pakistan Funding Terror
Advertisment
Advertisment
Advertisment