पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि अफगान तालिबान को बताया गया है कि प्रतिबंधित टीटीपी पाकिस्तान की रेडलाइन है और अगर आतंकवादी संगठन को नियंत्रित नहीं किया गया तो काबुल के साथ इस्लामाबाद के संबंध प्रभावित होंगे.वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास में मीडिया से बात करते हुए बिलावल ने कहा, अगर हमें पता चला कि तालिबान टीटीपी को नहीं रोक रहा है तो हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे.
आतंकवादी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने देश में सुरक्षा तंत्र को सतर्क कर दिया है क्योंकि बन्नू बंधक संकट से पूरे देश में सदमे की लहर है. इसी साल खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस बल पर विभिन्न प्रकार के हमलों में 120 से अधिक पुलिसकर्मी मारे गए हैं और 125 से अधिक अन्य घायल हो गए.
बिलावल अमेरिका में हैं, जहां उन्होंने बैठकें की. इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के साथ मुलाकात की, जी77 बैठक की अध्यक्षता की और वाशिंगटन में अटलांटिक काउंसिल में बात की.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बिलावल ने अफगानिस्तान की धरती से टीटीपी के बढ़ते हमलों के कारण देश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर तालिबान चरमपंथियों के खिलाफ अभियान चलाता है, तो पाकिस्तान जरूरत पड़ने पर मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के साथ सहयोग को लेकर कोई नया समझौता नहीं हुआ है.
बिलावल ने कहा, हम अफगान लोगों के लिए रुके हुए धन को तालिबान के लिए नहीं जारी करने का आग्रह करते हैं. उन्होंने (तालिबान) चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अमेरिका और दुनिया के साथ वादा किया था.
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि वाशिंगटन में पाकिस्तान के स्वामित्व वाली इमारत को बेच देना चाहिए क्योंकि संपत्ति की हालत खराब है.
इस पर कर और अन्य खर्च अधिक हैं. लेकिन मैं न्यूयॉर्क में होटल बेचने के पक्ष में नहीं हूं.
पाकिस्तान में चुनाव के बारे में पूछे जाने पर बिलावल ने कहा कि चुनाव समय पर होंगे और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान चाहते हैं कि धांधली में मदद पाने के लिए जल्दी चुनाव कराए जाएं.
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Source : IANS