जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर हलचल तेज हो चली है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को कश्मीरी नेताओं से मुलाकात करने जा रहे हैं. ऐसे में सभी की नजरें जम्मू-कश्मीर की ओर गढ़ने लगी हैं, मगर इस मुलाकात से पहले पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पेट में दर्द शुरू हो गया है. कश्मीर पर प्रधानमंत्री की बैठक से पहले पाकिस्तान में खलबली मचने लगी है और दुनिया में आतंकिस्तान कहे जाने वाला पड़ोसी मुल्क गीदड़भभकी देने लग गया है. पाकिस्तान ने कहा है कि वो घाटी को बांटने और उसकी जनसांख्यिकी को बदलने के भारत के किसी भी कदम का विरोध करेगा.
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प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय कार्यालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. इसके अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा है कि भारत को कश्मीर में कोई भी गैरकानूनी कदम उठाने से बचना चाहिए. कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान ने 5 अगस्त 2019 को भारत की ओर से की गई कार्रवाई का सख्ती से विरोध किया. इस मसले को लेकर पाकिस्तान ने यूएन सुरक्षा काउंसिल समेत कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी बात रखी.
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत की ओर से उठाए जाने वाले ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने का संकल्प लेता है, जो इलाके की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए जम्मू-कश्मीर को विभाजित करने वाला हो. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत के संभावित कदम से अवगत कराया है. कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति व्यवस्था तब ही बनाई जा सकती है, जब जम्मू-कश्मीर विवाद खत्म हो. इस विवाद को यूएनएससी रिजोल्यूशन और कश्मीर की जनता की इच्छा को ध्यान में रखकर खत्म किया जा सकता है.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है. मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर की 14 राजनीतिक पार्टियों को एक बैठक में शामिल होने का न्यौता दिया है. यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगी और कहा ये जा रहा है कि बैठक में राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जाने पर अहम चर्चा हो सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को पुष्टि की कि उन्हें निमंत्रण मिला है. महबूबा ने संवाददाताओं से कहा कि हां, मुझे 24 जून को बैठक के लिए आमंत्रित करने को लेकर दिल्ली से फोन आया है.बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
आपको बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के लगभग दो साल बाद एक महत्वपूर्ण पहल के तहत उठाया गया ये पहला कदम है. याद दिला दें कि जब से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया गया था, तब ही से पाकिस्तान को मिर्ची लगी हुई है. हालांकि कई मर्तबा पाकिस्तान को समझाया भी जा चुका है कि धारा 370 उसका अंदरुनी मामला है और वह देश के अंदरुनी मामलों में दखलअंदाजी ना करे. मगर पाकिस्तान का हाल कुत्ते की पूंछ जैसा है, जो कभी सीधी नहीं होती. पाकिस्तान लगातार कश्मीर को लेकर विरोध करता आया है.
HIGHLIGHTS
- J&K पर सर्वदलीय बैठक का आह्वान
- पीएम मोदी ने 24 जून को बैठक बुलाई
- बैठक से पहले पाकिस्तान के पेट में दर्द