संकट में बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी, इजरायल में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

नेतन्याहू की लिकुड पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के लिए सरकार गठन की राह और मुश्किल हो सकती है.

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Nihar Saxena
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Benjamin Netanyahu

बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी बहुमत से काफी दूर.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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इजरायल (Israel) में मंगलवार को हुए चुनावों में मतगणना पूरी हो चुकी है, लेकिन इस बार भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. नेतन्याहू की लिकुड पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के लिए सरकार गठन की राह और मुश्किल हो सकती है. दो साल के अंदर चौथी बार हुए चुनाव में मतगणना के बाद नेतन्याहू की लिकुड पार्टी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है. हालांकि 120 सदस्यीय नेसेट (इजरायली संसद) में बहुमत के लिए जरूरी 61 सदस्यों के आंकड़े तक पहुंचने का रास्ता अब भी स्पष्ट नहीं है.

विरोधी खेमा भी बहुमत से काफी दूर
इजरायल के बुरी तरह बंटे राजनीतिक परिदृश्य में वाम, दक्षिण और मध्यमार्गी धड़ों वाला नेतन्याहू विरोधी खेमा उनके कुछ दोस्तों से विरोधी बने नेताओं के सहयोग से देश के सबसे लंबे समेत तक पद पर रहे प्रधानमंत्री को हटाने को लेकर संकल्पित था, लेकिन वह भी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया. मंगलवार को एग्जिट पोल्स के आधार पर अधिकतर विश्लेषकों ने नेतन्याहू के नेतृत्व वाले गठबंधन की वापसी का पूर्वानुमान व्यक्त किया था और उन्हें उम्मीद थी कि पूर्व में प्रधानमंत्री के सहयोगी यामिना पार्टी के प्रमुख नफ्ताली बेनेट उनका समर्थन करेंगे. यामिना पार्टी ने हालांकि किसी भी दल के लिए अपने समर्थन का ऐलान नहीं किया था.

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राम ने चौंकाया
इन चुनावों में हालांकि अब्बास के नेतृत्व वाली इस्लामी युनाइटेड अरब लिस्ट पार्टी (यूएएल) ने सबको चौंकाया और बहुमत जुटाने में उनकी चार सीटों का समर्थन निर्णायक साबित होगा. इस बात से नेतन्याहू खेमे की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं क्योंकि यमिना पार्टी के समर्थन देने की सूरत में भी उनकी सीटों की कुल संख्या 59 होगी जो बहुमत के लिए पर्याप्त नहीं है. यूनाइटेड अरब लिस्ट, जिसे हिब्रू में राम कहा जाता है, इस बारे में फैसला कर सकती है कि इजरायल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू सत्ता में रहेंगे या नहीं. 

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अंतर बहुत कम
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन और उनके विरोधी दलों के गठबंधन के बीच अंतर बहुत कम है. नेतन्याहू के विरोधी दलों के गठबंधन को 56 सीटें मिलने का अनुमान है. ऐसे में राम पार्टी की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका देखी जा रही है. इस चुनाव में राम पार्टी को कम से कम 5 सीटें मिलने का अनुमान है. अगर वह लिकुड पार्टी के गठबंधन को समर्थन दे देती है तो नेतन्याहू के फिर से प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा हो जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • बेंजामिन नेतन्याहू के लिए सरकार गठन की राह मुश्किल
  • इजरायल में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला
  • इस्लामी युनाइटेड अरब लिस्ट पार्टी ने सबको चौंकाया

 

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