अपने भारतीय दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु भाग्यशाली नहीं रहे. एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावों में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए सरकार बना ली है, उसी रात इजरायल की संसद में बहुमत हासिल करने में बेंजामिन को नाकामी हाथ लगी. लिहाजा वहां संसद को भंग कर दिया गया है और अब फिर से नए चुनाव होंगे.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आधी रात की समय सीमा से पहले गठबंधन सरकार गठित करने में नाकाम रहे जिसके बाद इजराइली सांसदों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए संसद को भंग करने के पक्ष में मतदान किया.
सांसदों के इस कदम के बाद अब 17 सितंबर को फिर से आम चुनाव कराए जाएंगे. इजराइली सांसद छह सप्ताह पहले ही निर्वाचित हुए थे. उन्होंने 21वीं नेसेट (इजराइली संसद) को भंग करने के पक्ष में 45 के मुकाबले 74 मतों से मतदान किया.
इजराइल के इतिहास में यह पहली बार है, जब कोई नामित प्रधानमंत्री सरकार गठन नहीं कर पाया है.
नेतन्याहू ने नौ अप्रैल को हुए चुनाव में रिकॉर्ड पांचवीं बार उल्लेखनीय जीत हासिल की थी, लेकिन वे एक सैन्य विधेयक को लेकर गतिरोध के कारण गठबंधन करने में नाकाम रहे.
Source : PTI