ब्रिटिश सरकार ने यूक्रेन-रूस तनाव के बीच सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर अमीर विदेशी निवेशकों को निवास की पेशकश करने वाली गोल्डन वीजा व्यवस्था समाप्त कर दी है. गौरतलब है कि ब्रिटेन पर लगातार रूस के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करने का दबाव बन रहा था. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि टियर-1 निवेशक वीजा व्यवस्था ने भ्रष्ट अमीर लोगों को ब्रिटेन में पहुंच के अवसर प्रदान किए हैं. मंत्रालय ने कहा कि कुछ मामलों में इस वीजा के कारण सुरक्षा चिंताएं पैदा हुई हैं. उसने कहा कि कई मामलों में गैरकानूनी तरीके से धन कमाने वाले और भ्रष्टाचार से जुड़े लोगों ने भी इस वीजा का अनुचित लाभ उठाया है.
ऐसे मिलता था गोल्डन वीजा
ब्रिटेन में 20 लाख पाउंड (27 लाख अमेरिकी डॉलर) या उससे ज्यादा की राशि का निवेश करने वालों को देश में निवास करने की पेशकश की जाती है और उन्हें परिवार को भी साथ रखने की अनुमति दी जाती है. यह वीजा संबंधी यह नियम 2008 से प्रभावी है. सरकार ने कहा है कि वह तत्काल प्रभाव से सभी देशों के नागरिकों के लिए इस वीजा सुविधा को बंद कर रही है.
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गोल्डन वीजा धारक ज्यादातर रूसी
ऐसे अधिकतर वीजा धारक रूसी हैं. आलोचक लंबे समय से यह सवाल करते रहे हैं कि क्या इस नीति के जरिये ब्रिटेन में धनशोधन की सुविधा प्रदान की जा रही है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन में रूस की पहुंच को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा कि सरकार का यह कदम अवैण धन/वित्त पर लगाम लगाने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘मैं सुनिश्चित करना चाहती हूं कि ब्रिटेन के लोगों का तंत्र में विश्वास बना रहे.’
HIGHLIGHTS
- 20 लाख पाउंड या ज्यादा निवेश करने वालों को मिलता था गोल्डन वीजा
- गोल्डन वीजा धारक ब्रिटेन में परिवार के साथ लंबे समय तक रह सकता था
- गोल्डन वीजा योजना का सबसे ज्यादा लाभ रूस के अमीरों ने उठाया था