चीन का सरकारी अख़बार 'ग्लोबल टाइम्स' जो अक्सर भारत के ख़िलाफ़ लिखता रहता है अपने नए आर्टिकल में भारत को गंभीरता से लेने की बात लिखी है।
'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा है कि चीन को बहुत ज्यादा बेपरवाह नहीं होना चाहिए और भारत की आर्थिक तरक्की को गंभीरता से लेना चाहिए। खासतौर पर तब, जब भारत 'चीन को कॉपी' करता है। भारत हाल के दिनों में ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है और इस बात को चीन को 'गंभीरता' से लेना चाहिए।
बता दें कि एक सर्वे के अनुसार, इन दिनों भारत निवेश के नजरिए से दुनिया में सबसे आकर्षक देश के रूप में उभरा है। 2015 में करीब 500 बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच किए गए सर्वे में यह देखा गया कि 60 प्रतिशत कंपनियां भारत को निवेश के नजरिए से प्रमुख तीन देशों में मान रही है।
इसका एक बड़ा कारण भारत में विशाल घरेलू बाजार, सस्ते श्रम और कुशल श्रम बाजार है।
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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'अगर भारत जानबूझकर दुनिया भर के निवेशकों के सामने एक प्रतिस्पर्धी माहौल बनाता है तो यह चीन के सामने एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसकी वजह यह है कि भारत में चीन के इकनॉमिक मॉडल को कॉपी करने का माहौल है। इसकी वजह इसका बड़ा बाजार, सस्ता श्रम और बड़ी आबादी है। इन सभी मोर्चों पर भारत और चीन के हालात एक जैसे हैं।'
गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स में छपा आर्टिकल एक प्राइवेट चीनी थिंक टैंक 'एनबाउंड' की रिपोर्ट पर आधारित है। लेख के मुताबिक, भारत की आधी आबादी 25 साल से कम उम्रवालों की है, जिसका उसे फायदा मिलेगा।
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ग्लोबल टाइम्स अख़बार ने सोलर एनर्जी के सेक्टर में भी भारत की कामयाबी की तारीफ की है।
अख़बार ने लिखा है, 'पीएम मोदी पारंपरिक ईंधन की जगह क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में सोच रहे हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर सोलर पार्क बनाए जा रहे हैं और अगले पांच साल में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक से मिलने वाले लोन का सहयोग भी मिलेगा। सोलर इकॉनमी में निवेशकों को खींचने में कोई भी देश भारत का मुकाबला नहीं कर सकता।'
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Source : News Nation Bureau