आतंकियों को मिलिटरी सहायता और सूचनाएं देने के आरोप में पाकिस्तान को गैर-रक्षा साहायता देने पर रोक लगाने संबंधी बिल वहां की संसद में पेश किया गया है।
बिल में कहा गया है कि जो रकम बचेगा उसे अमेरिका में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टस में खर्च किया जाए।
दक्षिण कैरोलाइना के कांग्रेसमैन मार्क सेनफोर्ड और केंटकी के थॉमस मेसी ने कहा है कि इस विधायिका से अमेरिकी विदेश विभाग और यूएसएआईडी अमेरिकी नागरिकों के पैसे को पाकिस्तान को नहीं दे पाएंगे।
उनका कहना है कि इन फंड का उपयोग हाईवे ट्रस्ट फंड में जाएगा जो देश की सड़कों के निर्माण के लिये फंड देता है।
दोनों कांग्रेसमैन का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझकर आतंकियों को साधन और सहायता पहुंचाता है।
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मैसी ने कहा कि अमेरिका को ऐसी सरकार को पैसे नहीं देने चाहिये जो आतंकियों को सैन्य और सूचना सहायता देती है।
उन्होंने कहा कि इस बिल से अमेरिका पहले की नीति मज़बूत होगी और टैक्स देने वालों का पैसा सड़कों और पुलों को बनाने के काम आएगा।
सैनफोर्ड ने कहा, 'जब अमेरिका की जनता किसी दूसरे देश की सहायता करती है तो उसकी सहृदयता का इस्तेमाल आतंकियों को पुरस्कार देने के लिये नहीं किया जाना चाहिये 2016 तक हाइवे ट्रस्ट फंड में 111 बिलियन जॉलर की कमी आएगी और इससे आर्थिक तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में सहायता मिलेगी।'
सीनेटर रैण्ड पॉल ने कहा कि हम अपने देश और करदाताओं के पैसे की सुरक्षा करने में असफल होते हैं जब ऐसे देशों का समर्थन करते हैं जो 'अमेरिका की मृत्यु और झंडा जलाने की बात करते हैं।'
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उन्होंने कहा, 'उन पैसों को घर वापस लाया जाए और इसका इस्तेमाल हमारे देश की इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में किया जा सकता है। बजाय इसके कि एक ऐसा राष्ट्र जो क्रिश्चियनों की हत्या करता है और ऐसे व्यक्ति को जेल भेजता है जो ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को पकड़वाता है।'
अमेरिका ने 9/11 के आतंकी हमले के बाद 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सहायता पाकिस्तान को दी है। जिसमें 2017 में 526 मिलियन डॉलर दिये गए।
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Source : News Nation Bureau