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PM Modi को बोरिस जॉनसन का G-7 के लिए न्योता, पहले खुद आएंगे भारत

बोरिस जॉनसन ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कोरोना संक्रमण और जलवायु परिवर्तन पर होने जा रही जी-7 की बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रित किया है.

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Nihar Saxena
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Boris Johnson PM Narendra Modi

जी-7 बैठक से पहले भारत आएंगे ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारतीय गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) कोरोना महामारी के चलते नहीं आ पा रहे हैं. यह अलग बात है कि दोस्ती के लिए मजबूती से बढ़े हाथ को थामते हुए बोरिस जॉनसन ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कोरोना संक्रमण और जलवायु परिवर्तन पर होने जा रही जी-7 की बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रित किया है. इसके साथ ही बोरिस जॉनसन ने वादा किया है कि समूह 7 की बैठक से पहले वह भारत का दौरा करेंगे. जी-7 की बैठक में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया भी आमंत्रित किया गया है. 

इस तरह सराहा भारत को
बोरिस जॉनसन के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन के कॉर्निवॉल में 11 से 13 जून तक चलने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में विश्व के सात प्रमुख देशों के नेता कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन से उबरने की चुनौतियों को लेकर चर्चा करेंगे. भारत के अलावा, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी लगभग दो वर्षों में पहली बार जी-7 शिखर सम्मेलन में अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है. जॉनसन के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है, 'भारत पहले से ही दुनिया के 50 प्रतिशत से अधिक टीको की आपूर्ति करके 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में उभरा है. यूके और भारत ने महामारी के दौरान एक साथ मिलकर काम किया है. हमारे प्रधानमंत्री नियमित रूप से ऐसा बोलते हैं और प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि वह जी-7 से पहले भारत का दौरा करेंगे.' 

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ब्रिटेन के लिए काफी अहम है 2020
गौरतलब है कि ब्रिटेन के लिए अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का एक 2021 एक बेहद अहम साल है. इस साल फरवरी के दौरान जी-7 शिखर सम्मेलन के अलावा, ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भी करेगा और इस साल के अंत में वो ग्लासगो में सीओपी-26 की मेजबानी करेगा. इस कड़ी में जॉनसन ने दुनिया के लोकतांत्रिक और तकनीकी रूप से उन्नत देशों के बीच सहयोग को तेज करने के लिए जी-7 शिखर सम्मेलन का उपयोग करने की योजना बनाई है. उनके बीच, 10 नेता दुनिया भर के लोकतंत्रों में रहने वाले 60 फीसदी से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं. ब्रिटेन जी-7 के सरकारी मंत्रियों के बीच, वस्तुतः और पूरे ब्रिटेन में अलग-अलग स्थानों में कई बैठकों की मेजबानी करेगा. इन बैठकों में आर्थिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, व्यापार, प्रौद्योगिकी, विकास और विदेश नीति के मुद्दे शामिल होंगे.

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क्या है जी-7
जी-7 समूह ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ से बना है. यह एकमात्र ऐसा मंच है जहां दुनिया के सबसे प्रभावशाली और खुले समाज और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं को आपसी चर्चा के लिए एक साथ लाया जाता है. शुरुआत में ये छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी. हालांकि एक साल बाद ही यानी 1976 में इस ग्रुप में कनाडा शामिल हो गया और ये ग्रुप-7 बन गया. हर एक सदस्य देश बारी-बारी से इस ग्रुप की अध्यक्षता करता है और सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है.

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