ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) की एक कॉमन्स कमेटी द्वारा जांच की जाएगी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट (Downing Street) में पार्टियों के बारे में संसद को गुमराह किया था. गौरतलब है कि इन सभाओं की पुलिसिया जांच पूरी होने के बाद सांसदों ने विशेषाधिकार समिति को जांच शुरू करने की मंजूरी दे दी है. बीबीसी ने बताया कि सरकार ने मतदान में देरी करने की कोशिश की थी, लेकिन अपने ही सांसदों के विरोध के बाद यू-टर्न हो गया. इस बीच दो दिवसीय भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि उन्हें समिति की जांच के बारे में कोई चिंता नहीं है.
पार्टी के लिए कोविड कानून तोड़े
अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान जॉनसन ने कहा, 'अगर विपक्ष इस पर ध्यान देना चाहता है और इसके बारे में और अधिक बात करना चाहता है, तो यह ठीक है.' जॉनसन ने कहा कि वह देश के भविष्य से जुड़े मसलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, जिसमें भारत के साथ व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना, जीवन यापन, ऊर्जा, परिवहन और चाइल्डकेयर की लागत से निपटना शामिल है. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन उनकी पत्नी और चांसलर रिशी सुनाक पर डाउनिंग स्ट्रीट में अपना जन्मदिन मनाने के लिए एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कोविड कानूनों को तोड़ने का जुर्माना लगाया गया था.
इस्तीफा तक देना पड़ सकता है दोषी पाए जाने पर
पुलिस ने अब तक अपनी जांच के तहत कम से कम 50 लोगों को जुर्माना अदा करने का नोटिस दिया है. गौरतलब है कि जॉनसन ने पहले सांसदों को बताया था कि डाउनिंग स्ट्रीट में कानून नहीं तोड़े गए, जिससे विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें गुमराह किया है. सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत, हाउस ऑफ कॉमन्स को जानबूझकर गुमराह करने वाले मंत्रियों के इस्तीफा देने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- हाउस ऑफ कॉमन्स ने कोविड-19 उल्लंघन पर बैठाई जांच
- डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने का है आरोप
- पुलिस ने जांच में बोरिस जॉनसन को पाया है दोषी