ब्रिक्स सम्मेलन: डोकलाम के बाद भारत की बड़ी जीत, पाक समर्थित लश्कर-जैश आतंकवादी संगठनों की निंदा

ज़ियामेन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभी देशों के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
ब्रिक्स सम्मेलन: डोकलाम के बाद भारत की बड़ी जीत, पाक समर्थित लश्कर-जैश आतंकवादी संगठनों की निंदा

ब्रिक्स सम्मेलन: डोकलाम के बाद भारत की दूसरी कूटनीतिक जीत

Advertisment

ज़ियामेन में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभी देशों के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त घोषणापत्र जारी किया। घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं।

शियामेन में 9वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के 43 पृष्ठों के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम के साथ ही टीटीपी (तहरीक -ए-तालिबान पाकिस्तान) को इस्लामिक स्टेट के बराबर बताया गया और उनके कार्यो की निंदा की गई। नई दिल्ली एलईटी व जेईएम को भारत में हुए आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराता रहा है।

बीते साल गोवा में हुए 8वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन ने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल करने का विरोध किया था।

भारत, अमेरिका व दूसरे देशों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर निंदा किए जाने के बाद भी चीन अतीत में अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का बचाव करता रहा है।

यह भी पढ़ें: चीन ने कहा, लश्कर जैश आतंकी घटना में शामिल लेकिन मसूद पर साधी चुप्पी

ब्रिक्स नेताओं ने संयुक्त घोषणा पत्र में कहा, 'हम दुनिया भर में सभी आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं, जिसमें ब्रिक्स देशों में हुए हमले शामिल हैं।'

ऐसा पहली बार हुआ है जब ब्रिक्स देशों ने आतंकी संगठनों को नामज़द कर उनके खिलाफ करवाई की बात की है। घोषणापत्र में कहा गया है कि, 'हम इस क्षेत्र में तालिबान, आईएसआईएल / डीएआईएसएच, अल-कायदा और इसके सहयोगी संगठनों, जिनमें हक़्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिजब उथ- तहरीर जैसे आतंकी संगठनों की वजह से सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित है।'

इस शिखर सम्मेलन के घोषणा-पत्र में एलईटी व जेईएम को शामिल किया जाना भारत की बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है। यह चीन के रुख में मामूली बदलाव को भी दर्शाता है।

ब्रिक्स नेताओं ने डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण की भी निंदा की।

यह भी पढ़ें: LIVE: ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुए सभी देश, भारत की बड़ी कामयाबी

इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने शिरकत की।

घोषणापत्र में कहा गया है कि हम विश्व में कहीं भी हुए, किसी भी प्रकार के आतंकी हमले की घोर निंदा करते हैं, फिर चाहे वो देश ब्रिक्स समूह में सम्मिलित हो या नही। आतंकवाद को किस भी रूप में सही नही ठहराया जा सकता फिर वो चाहे किसी खास देश के लिए या किसी खास समूह द्वारा प्रायोजित हो।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि इस सम्मेलन का इस्तेमाल कूटनीति के मायनों को कायम रखने के लिए होना चाहिए ताकि 'बेहद गर्म मुद्दो' को भी सुलझाने में मदद मिल सके, इस सम्मेलन में आतंकवाद या पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर कोई बात नहीं होगी।

यह भी पढ़ें: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: उत्तर कोरिया के खिलाफ चीन और रूस हुए एकजुट

HIGHLIGHTS

  • ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों में बनी सहमति 
  • बैठक में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का ज़िक्र

Source : News Nation Bureau

brics Xiamen Declaration BRICS countries
Advertisment
Advertisment
Advertisment