ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का नाम लिेये जाने पर कहा है कि ये संगठन हिंसक गतिविधियों में शामिल हैं इसलिये इनका नाम घोषणापत्र में शामिल किया गया है। हालांकि जैश प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के सवाल को टालता नज़र आया।
चीनी विदेश विभाग के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'सदस्य देशों ने हिंसक गतिविधियों में शामिल इन संगठनों को लेकर चिंता जाहिर की थी।'
उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इन संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है। जिसका अफगानिस्तान पर काफी प्रभाव पड़ा है।'
हालांकि उन्होंने मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने को लेकर उसके रुख पर पूछे गए सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान में हमारी स्थिति एक समान और दृढ़ है। हम ब्रिक्स में मिली उपलब्धि पर संतुष्ट हैं। आतंकवाद पर हमारे यहां एक कार्यसमूह है।'
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मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारत की कोशिशों पर चीन लगातार रोड़ा अटका रहा है। 43 पेज के शियामेन डिक्लेरेशन में सदस्य देशों ने तालिबान, आईएसआईएस, एल-कायदा, लश्कर ए तोयबा, जैश ए मोहम्मद और हक्कनी नेटवर्क जैसे दूसरे आतंकी संगठनों की तरफ से फैलाई जा रही हिंसा पर चिंता जाहिर की है।
पहली बार हुआ है कि चान ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का नाम ब्रिक्स घोषणापत्र में शामिल करने पर सहमत हुआ है।
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Source : News Nation Bureau