ब्रिटेन में इस साल आम चुनाव 12 दिसंबर को होंगे और इसके नतीजे 13 दिसंबर को घोषित हो जाएंगे. मंगलवार को सासंदों ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रस्ताव को समर्थन देते हुए 12 दिसंबर को चुनाव कराए जाने के पक्ष में औपचारिक वोट दिए .बता दें, 1923 के बाद ये पहली बार होगा जब ब्रिटेन में दिसंबर में चुानव होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटिश संसद के 'हाउस ऑफ़ कॉमन्स' 12 दिसंबर को चुनाव कराने के पक्ष में 438 वोट पड़े जबकि विरोध में केवल 20 लोगों ने ही वोट दिया. दरअसल जिन 20 लोगों ने विरोध में वोट दिया, वो चाहते थे कि चुनाव 9 नवंबर को कराए जाएं ताकि यूनिवर्सिटी के छात्रों को वोट देने में आसानी हो.
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चुनाव के दौरान हो सकती हैं कई समस्याएं
वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि दिसंबर में चुनाव कराने से कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं. जैसे दिसंबर में भीषण सर्दी पड़ेगी और ऐसे में चुनाव संपन्न कराना बेहद मुश्किल होगा. वहीं दिसंबर में क्रिसमस और शादियां भी होती हैं. ऐसे में चुनाव के लिए जगह की कमी भी हो सकती है. दरअसल कई बड़े वेन्यू शादिया, क्रिसमस और अन्य बड़ी पार्टियों के लिए पहले से बुक हो जाते हैं, ऐसे में मतदान प्रतिशत कम होने की आशंका भी जताई जा रही है.
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्सिट को लेकर आगे किसी भी प्रकार की देरी नहीं होने के इरादे से 110 पेज के ब्रेक्सिट विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल प्रकाशित किया था. इस बिल का प्रकाशन हाउस ऑफ कॉमंस में मंगलवार को सांसदों की चर्चा से कुछ पहले किया गया. ब्रिटेन को यूरोपीय संघ (ईयू) से 31 अक्टूबर तक बाहर हो जाना है. विदड्रॉल एग्रीमेंट के साथ अन्य 124 पेज का व्याख्यात्मक नोट था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल वास्तव में बताता है कि प्रधानमंत्री जिस डील पर सहमत हुए हैं, उसे संसद में कैसे पेश किए जाने की उम्मीद है.
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इस दौरान मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि उनके पास विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल को मंजूरी देने के लिए पर्याप्त संख्या बल है. अगर सांसद बिल का समर्थन करते हैं तो वे सरकार के 'प्रोग्राम मोशन' पर मतदान करेंगे. अगर 'प्रोग्राम मोशन' को मंजूरी मिलती है तो बिल कमेटी चरण में चला जाएगा. इस तरह से बुधवार को सांसदों के पास इसमें संशोधन करने का अवसर होगा.