केंद्र सरकार की ओर ब्रिटेन से आने वाले नागरिकों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन करने के फैसले के बाद ब्रिटेन की सरकार ने भारत यात्रा पर जाने वाले अपने नागरिकों के लिए आधिकारिक परामर्श को शनिवार को अपडेट किया है. इस दौरान ब्रिटेन सरकार ने कहा कि इस मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं. ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार भारत में एंट्री को लेकर सभी नियम बनाने की जिम्मेदारी केवल भारतीय अधिकारियों की है. हालांकि हम उनके लगातार संपर्क में हैं. इसके साथ ही नियमों कोई भी बदलाव होने पर एफसीडीओ यात्रा परामर्श को अपडेट किया जाएगा.
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सरकार की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि ब्रिटेन से भारत जाने वाले सभी यात्रियों को एयरपोर्ट पर आठ दिन बाद अपने खर्चे पर कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना होगा. इसके साथ ही 10 दिन तक अनिवार्य क्वारंटीन भी रहना होगा. केंद्र सरकार ने ब्रिटेन से आने वाले नागरिकों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन करने का फैसला किया है. इसे ब्रिटेन पर जवाबी हमले के तौर पर देखा जा रहा है. केंद्र ने शुक्रवार को घोषणा की कि 4 अक्टूबर के बाद ब्रिटेन से भारत आने वाले सभी यात्रियों को 10 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। कोविड-19 महामारी को लेकर ब्रिटेन द्वारा भारतीय नागरिकों पर लगाई गई पाबंदियों के जवाब में अब भारत ने ब्रिटिश नागरिकों के खिलाफ जवाबी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इनमें ब्रिटिश नागरिकों को भारत आने पर 10 दिन का अनिवार्य क्वारंटीन और आने से पूर्व व बाद में कोविड परीक्षण जैसी सख्त शर्तें रखी गई हैं. क्वारंटीन के लिए घर या गंतव्य पते (डेस्टिनशन एड्रेस) को भी शामिल किया गया है.
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बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने कुछ दिन पहले नए नियम जारी किए थे. इन नियमों में कहा गया था कि भारत सहित कुछ और देशों से यात्रा करके ब्रिटेन पहुंचने वाले व्यक्ति को 10 दिन क्वारंटीन रहना होगा और कोविड-19 का टेस्ट भी कराना होगा. यही नहीं, जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें भी अनिवार्य तौर पर क्वारंटीन रहने का नियम बना दिया गया था। इस नियम पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह भेदभावपूर्ण वाला नियम है.