पिछले दिनों UNSC में पाकिस्तान (Pakistan) की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी किरकिरी हुई. यूनाइडेट नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में भी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन को करारा झटका लगा. आज यानी 23 अगस्त को ब्रिटेन ( UK) ने भी पाकिस्तान को झटका देते हुए इस बात से इनकार किया कि उसने बैठक में कश्मीर पर पाकिस्तान और चीन का समर्थन किया था. ब्रिटेन स्पष्ट करते हुए कहा कि हमने जोर देकर कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल किया जाना चाहिए.
The #UK on August 23 denied that it had backed #Pakistan and #China in calling for the August 16 closed-door session on #Kashmir and stressed that all issues between #India and #Pakistan should be resolved bilaterally.#JammuAndKashmir
Photo: UNSC pic.twitter.com/ZSEUgYAFE5
— IANS Tweets (@ians_india) August 23, 2019
गत् 16 अगस्त को जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का भारत को घेरने का उसका षडयंत्र फेल हो गया है. खास बात ये रही कि रूस (Russia) और फ्रांस (France) समेत यूएन के 15 सदस्यों में ज़्यादातर देशों ने भारत को समर्थन दिया था. न्यूयॉर्क में यूएन के हेडक्वार्टर में बंद कमरे के अंदर कश्मीर मुद्दे पर अनौपचिरक बैठक हो रही थी. पाकिस्तान और चीन ने पूरा ज़ोर लगा रहे थे कि कश्मीर के मुद्दे (Pakistan and China over Kashmir Issue) पर यूएन (United Nations) दखल दें लेकिन बंद कमरे में जो कुछ हुआ उसने पाकिस्तान के कश्मीर के ख्वाब को चूर-चूर कर दिया. जब वो बंद कमरा खुला तो उसी के साथ पाकिस्तान और चीन की पोल भी खुल गई और पाकिस्तान की हो गई इंटरनेशनल बेइज्जती.
यह भी पढ़ेंः 59 साल से पाकिस्तान किस तरह दे रहा PoK को धोखा, सुनें इस नेता की जुबानी
UNSC की मीटिंग में पाकिस्तान ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के फैसले का विरोध दर्ज कराया तो भारत की ओर से कहा गया कि कश्मीर तो पहले से ही अभिन्न अंग है और इससे दूसरे देश का कोई लेना देना नहीं है. वहीं पाकिस्तान की पैरवी करने पहुंचे चीन ने कश्मीर के हालात बेहद चिंताजनक बताए तो रूस भारत के समर्थन में खड़ा हुआ और उसने साफ किया कि कश्मीर मसला भारत-पाकिस्तान बातचीत से ही हल करें.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान के लिए सबसे बुरी खबर! FATF ने कर दिया ब्लैकलिस्ट
रूस के बाद फ्रांस ने भी भारत का साथ दिया और फिर इमरान का पाकिस्तान उस बंद कमरे में पानी पानी हो गया क्योंकि सुरक्षा परिषद के कुल 15 देशों में ज़्यादातर देश भारत के ही रुख के साथ दिखाई दिए. हालात ये रहे कि अपने पैरों पर पाकिस्तान के लोटने के बाद जो चीन ज़िद करके कश्मीर के मुद्दे को यूएन तक घसीट ले गया था वहां उसकी भी एक नहीं चली. इस मुद्दे को यूएन में औपचारिक तौर पर उठाने के लिए कम से कम 9 देशों का समर्थन हासिल करना था. लेकिन सच्चाई तो कड़वी ही होती है. समर्थन तो क्या किसी ने पाकिस्तान की बात तक नहीं सुनी.
यह भी पढ़ेंः युद्धोन्माद पैदा कर रहा है पाकिस्तान, भारतीय बॉर्डर पर भेज रहा सेना की टुकड़ियां
इमरान खान ने यूएनएससी की मीटिंग में जाने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) से बात की और सोचा कि उसे अमेरिका का साथ मिल जाएगा लेकिन अमेरिका ने भी कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया. इमरान और ट्रंप की क़रीब 17 मिनट तक इमरान खान और ट्रंप के बीच बात हुई लेकिन अमेरिका ने भी दो टूक कह दिया कि कश्मीर के मुद्दे को दोनों देश राजनयिक और राजनीतिक तरीके के साथ बातचीत से हल करें.
यह भी पढ़ेंः पीपीपी ने जारी किया श्वेत पत्र, इमरान सरकार की नीतियों से पाकिस्तान पड़ा अलग-थलग
इसके बाद यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन मीडिया से मुखातिब हुए तो बौखलाए पाकिस्तान और उसके बौखलाए हुए पत्रकारों की भी काफी बेइज्जती हुई. बेबाक अंदाज़ में अकबरुद्दीन ने पहले तो कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग और अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को उसका आंतरिक मामला बताया और फिर पाकिस्तान को बुरी तरह धो डाला.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी, जम्मू-कश्मीर को खाली करने को कहा
अकबरुद्दीन ने दो टूक में दुनिया के सामने कह दिया है कि अगर पाकिस्तान बातचीत चाहता है तो आतंक बंद करना होगा. फिर सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का वो बयान भी दुनिया को याद दिला जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भारत युद्ध करता है तो पाकिस्तान के पास जेहाद के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो