भारत अपनी महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर काफी ख़ुश है। वहीं ब्रिटिश मीडिया और कई ब्रिटिश सांसद भारत की इस सफलता से काफी दुखी हैं।
डेली मेल में छपी एक खबर में कहा गया है, भारत ने एलान किया है कि वो अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करेगा। जिसमें अगले महीने भारत का एक रॉकेट 103 उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना होने वाला है। यानि कि भारत अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र में दुनिया की सबसे अगली पंक्ति में शामिल हो जाएगा।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, लेकिन इसके बावजूद करीब 5 अरब 84 करोड़ की सहायता राशि विभिन्न तरीकों से भारत में भेजी गई।
ये भी पढ़ें- भारत, ब्राजील और अर्जेंटीना में अपने प्रोजेक्ट को डोनाल्ड ट्रंप ने किया बंद
डेली मेल में छपी एक खबर में कहा गया है कि भारत ब्रिटेन से सहायता राशि लेता है, इसके साथ ही वो नये नये प्रयोग भी कर रहा है। भारत जिन 103 उपग्रहों को रवाना करेगा, उनमें से ज्यादातर उपग्रह अन्य देशों के हैं। इन्हें अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने के बदले भारत को इन देशों से काफी बड़ी रकम हासिल होगी।
ख़बरों के मुताबिक ब्रिटिश सांसद एंड्रयू रोजिनडेल ने कहा, 'अगर भारत के पास रॉकेट्स के ऊपर खर्च करने के लिए पैसा है, तो हमें यह सवाल पूछना चाहिए कि उन्हें आर्थिक मदद समझदारी है या नहीं।'
एक अन्य सांसद पीटर बोन ने भी कहा, 'दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को देखते हुए मैं नहीं चाहता कि भारत को ब्रिटेन की ओर से और आर्थिक सहायता मिले।'
भारत ने बुधवार को ऐलान करते हुए कहा था कि वो अपने रेकॉर्डतोड़ अंतरिक्ष मिशन शुरू करने जा रहा है। भारत की ओर से घोषणा की गई है कि वह बृहस्पति और शुक्र के लिए भी अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करेगा।
ये भी पढ़ें- ट्रंप ने भारतीय मूल के राज शाह को दी व्हाइट हाउस में यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
ब्रिटिश मीडिया में छपी खबरों में कहा गया है कि भारत को ब्रिटेन की ओर से अरबों की सहायता राशि मिलती है। इन खबरों में भारत की इन अंतरिक्ष योजनाओं को निशाना बनाते हुए कहा गया है कि ब्रिटेन भारत को साढ़े 4 अरब की आर्थिक मदद देता है।
भारत की इन योजनाओं से ब्रिटिश मीडिया में काफी नारजगी और वहां भारत के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है।
Source : News Nation Bureau