अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां नई सरकार के गठन की कवायद जारी है. हालांकि अफगानिस्तान में आज यानी शुक्रवार को नई सरकार का गठन होना था, लेकिन किसी वजह से यह आगे के लिए टल गया. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह ने कहा कि सरकार के गठन का एलान शीघ्र कर दिया जाएगा. ऐसे में ब्रिटेन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह काबुल में तालिबान की नई सरकार को मान्यता नहीं देगा. रॉयटर्स के अनुसार ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रैब ने बताया कि ब्रिटेन तालिबान को काबुल में नई सरकार के रूप में मान्यता नहीं देगा, लेकिन अफगानिस्तान में नई वास्तविकताओं से निपटना होगा और देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को टूटा हुआ नहीं देखना चाहता.
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Britain will not recognise Taliban as the new govt in Kabul but must deal with the new realities in Afghanistan and does not want to see the social and economic fabric of the country broken: Foreign Secretary Dominic Raab, as per Reuters
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— ANI (@ANI) September 3, 2021
तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर एक नई अफगान सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है. इस्लामिक आतंकी समूह के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम तब सामने आया है, जब तालिबान पंजशीर घाटी में विद्रोही लड़ाकों से जूझ रहा है और दूसरे मोर्चे पर आर्थिक पतन को रोकने का प्रयास कर रहा है. टोलो न्यूज ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि बरादर, जो दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है, उसके साथ तालिबान के दिवंगत सह-संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई सरकार में वरिष्ठ पदों पर शामिल होंगे. तालिबान के एक अधिकारी ने एक वैश्विक न्यूज वायर को बताया, "सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच गए हैं, जहां नई सरकार की घोषणा करने की तैयारी अंतिम चरण में है." तालिबान के एक अन्य सूत्र ने कहा कि तालिबान का सर्वोच्च धार्मिक नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा इस्लाम के ढांचे के भीतर धार्मिक मामलों और शासन पर ध्यान केंद्रित करेग.
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तालिबान, जिसने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था, वह देश के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से अपना नियंत्रण स्थापित कर चुका है. हालांकि उसे भारी लड़ाई और हताहतों की रिपोर्ट के साथ, राजधानी के उत्तर में पंजशीर घाटी में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है और अभी तक भी वह पंजीशीर घाटी पर अपना नियंत्रण स्थापित नहीं कर पाया है. मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में क्षेत्रीय मिलिशिया के कई हजार लड़ाके और सरकार के सशस्त्र बलों के कुछ सैनिक बीहड़ घाटी में जमा हुए हैं.
Source : News Nation Bureau