Advertisment

PM Modi से कोरोना वैक्सीन नहीं मांग पाने से ट्रूडो की हो रही किरकिरी

किसान आंदोलन को कनाडाई सिखों के समर्थन को देख वह कोरोना वैक्सीन मांगने की हिम्मत भी मोदी सरकार (PM Narendra Modi) से नहीं कर पा रहे हैं. इसको लेकर उनकी देश में जबर्दस्त किरकिरी हो रही है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Justin Trudeau

कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद भारत से नहीं मांग पा रहे वैक्सीन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कनाडा में सिखों का अच्छा-खासा प्रतिनिधित्व होने और कई सिख सांसदों के होने से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर खासे दबाव में हैं. यहां तक कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोनरत किसानों को लेकर वह पीएम मोदी सरकार पर टिप्पणी करने से भी नहीं चूके. यह अलग बात है कि भारतीय पक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया देख उन्होंने इस मामले में चुप्पी साधना ही बेहतर समझा. हालांकि किसान आंदोलन को कनाडाई सिखों के समर्थन को देख वह कोरोना वैक्सीन मांगने की हिम्मत भी मोदी सरकार (PM Narendra Modi) से नहीं कर पा रहे हैं. इसको लेकर उनकी देश में जबर्दस्त किरकिरी हो रही है. यह तब है जब कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग कोरोना वैक्सीन को लेकर अन्य देशों के आगे हाथ फैला रहा है. इस बात का खुलासा कनाडा की सांसद मिशैल रिम्पेल गार्नर की इस बाबत एक मंत्री से हुई बातचीत से भी होता है.

ट्रूडो नहीं जुटा पा रहे पीएम मोदी से बात करने की हिम्मत
गौरतलब है कि कनाडा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और वहां कोविड-19 मरीजों की न सिर्फ बड़ी संख्या है, बल्कि वैक्सीन नहीं होने से बड़े पैमाने पर टीकाकरण भी शुरू नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कनाडा की स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य महकमा दुनिया के अन्य देशों से कोरोना टीका उपलब्ध कराने की मदद मांग रहा है. इधर भारत दो कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर न सिर्फ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर चुका है, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अन्य मित्र देशों को भी कोरोना वैक्सीन की अच्छी मात्रा उपलब्ध करा रहा है. ऐसे में कनाडा की सांसद मिशैल ने एक मंत्री से पूछा था कि क्या ट्रूडो ने पीएम मोदी से कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई बात की, तो वह जवाब देती पाई गईं कि नहीं. हालांकि वह यह जरूर कहती हैं कि कनाडा अन्य देशों से कोरोना वैक्सीन हासिल करने के प्रयास कर रहा है. ऐसे में मिशैल तीखे स्वर में कहती हैं पीएम मोदी से बात ही नहीं की गई.

यह भी पढ़ेंः पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष पर बोला हमला, जानें 10 बड़ी बातें

सिख सांसदों के दबाव में हैं ट्रूडो
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों का समर्थन कर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पहले ही मोदी सरकार से एक दूरी बना चुके हैं. किसान आंदोलन पर ट्रूडो की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि इस तरह ट्रूडो द्विपक्षीय संबंधों को खराब कर लेंगे. यही नहीं विदेश मंत्रालय ने कृषि कानूनों समेत आंदोलन को अपना निजी मामला बता कर दायरा लांघने की कोशिश नहीं करने की चेतावनी भी दी थी. यही नहीं, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को अब तक कई ऐसे संकेत मिल चुके हैं किसान आंदोलन को भारत विरोधी बनाने के लिए कनाडा के ही कुछ लोग न सिर्फ फंडिंग कर रहे हैं, बल्कि अफवाह फैला माहौल बिगाड़ने की फिराक में भी हैं. संभवतः यही वजह है कि सिखों के दबाव में कनाडाई पीएम ट्रूडो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कोरोना वैक्सीन नहीं मांग पा रहे हैं. एक तो उनके पास इसकी नैतिक शक्ति नहीं रही है. दूसरे भारत से कोरोना वैक्सीन मांग पर वह प्रभावशाली सिखों की आंखों का कांटा भी नहीं बनना चाहते हैं. यह अलग बात है कनाडा कोरोना से जूझ रहा है. इसी को लेकर ट्रूडो की जमकर किरकिरी हो रही है.

HIGHLIGHTS

  • कनाडा जूझ रहा है कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर
  • फिर भी पीएम मोदी से वैक्सीन नहीं मांग पा रहे ट्रूडो
  • किसान आंदोलन पर टिप्पणी कर नाराजगी झेल रहे भारत की 
PM Narendra Modi INDIA farmers-protest corona-vaccine पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीन किसान आंदोलन Justin Trudeau Canada PM जस्टिन ट्रूडो Health Minister Corona Epidemic कोरोना संक्रमण कनाडा Criticism किरकिरी
Advertisment
Advertisment