एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) देश के सभी राजनीतिक दलों को भरोसे में ले रहे थे कि भारत (India) की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देंगे. दूसरी तरफ चीन (China) के विदेश मंत्रालय ने दावा ठोका है कि गलवान (Galwan Valley) घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीन की तरफ है. यही नहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि 15 जून की शाम को भारतीय सैनिकों ने समझौते को तोड़ते हुए जानबूझकर एलएसी को पार किया और चीन के सैनिकों पर 'हमला' किया.
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भारत कर चुका है दावा खारिज
इस दावे से एक दिन पहले ही भारत ने गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया था और बीजिंग से अपनी गतिविधियां एलएसी के उस तरफ तक ही सीमित रखने को कहा था. गलवान घाटी पर चीन के संप्रभुता के दावे को भारत पहले ही खारिज कर चुका है. भारत का कहना है कि इस तरह का ‘बढ़ा चढ़ाकर’ किया गया दावा छह जून को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में बनी सहमति के खिलाफ है.
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भारत ने तोड़ा समझौता
चीन ने दावा किया कि सोमवार शाम को समझौते को तोड़कर भारतीय सैनिक चीन की सीमा में घुसे और उनसे बातचीत करने पहुंचे चीनी अधिकारियों और सैनिकों पर हमला किया. इसके बाद वहां हिंसक संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए. चीनी प्रवक्ता ने दावा किया, 'भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया है. चीन ने भारतीय पक्ष का मजबूत विरोध किया है.'
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चीन ने हिंसा के लिए दोष भारत पर मढ़ा
इसके बावजूद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के लिए एक बार फिर भारत पर दोष मढ़ा है. उन्होंने कहा, 'गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है. कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं.' चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक प्रेस नोट में झाओ ने कहा है कि 'क्षेत्र में हालात से निपटने के लिए कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य जरिए से तनाव को कम करने के लिए संवाद कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- चीन ने फिर ठोका लद्दाख की गलवान घाटी पर दावा.
- भारतीय जवानों पर एलएसी पर हिंसा के लिए उकसाया.
- कहा बातचीत के जरिये सुलझाएं विवादास्पद मसले.