पाकिस्तान और चीन 10 अरब डॉलर की अनुमानित लागत से मेनलाइन-1 (एमएल-1) रेलवे परियोजना को अंजाम देने पर सहमत हो गए हैं. द न्यूज ने बताया कि संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत बिजनेस-टू-बिजनेस डील्स करने का भी फैसला किया. पाकिस्तान जमा राशि के रोलओवर और अपने 27 अरब डॉलर के कर्ज को पुन: निर्धारण के लिए भी अनुरोध करेगा. बैठक के दौरान पाकिस्तान ने चीन को सीपीईसी परियोजनाओं के तहत काम कर रहे चीनियों की सुरक्षा के लिए कई पहल करने का आश्वासन दिया.
दोनों पक्ष सूचना प्रौद्योगिकी में अपने सहयोग का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं और यह निर्णय लिया गया है कि चीनी कंपनियां इस क्षेत्र में नए रास्ते तलाशने के लिए पाकिस्तान में अनुसंधान केंद्र स्थापित करेंगी. पाकिस्तान और चीन ने जेसीसी की 11वीं बैठक वस्तुत: की, लेकिन दोनों पक्ष बैठक के कार्यवृत्त पर हस्ताक्षर नहीं कर सके.
उम्मीद की जा रही थी कि बैठक के कार्यवृत्त पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की आगामी यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 1 नवंबर से चीन का दौरा करेंगे. सीपीईसी की बैठक इस्लामाबाद में हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने सीपीईसी के तहत चल रही परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त किया, जबकि कई अन्य परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा गया. बैठक की सह-अध्यक्षता योजना मंत्री अहसान इकबाल और राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी)के उपाध्यक्ष लिन नियानक्सियू ने की.
मंत्री ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज के नेतृत्व में सीपीईसी सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में उभरा है. बैठक में यह भी बताया गया कि अन्य 3,100 मेगावाट को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि 1,7000 मेगावाट के परिकल्पित लक्ष्य के करीब पहुंच सकें. लगभग 888 किलोमीटर के मोटरवे और राजमार्गों में परियोजनाओं को भी चाइनीज और लोकल फाइनेसिंग दोनों के साथ निर्माण करने के लिए हाइलाइट किया गया था. इस क्षेत्र की प्रमुख परियोजनाओं में से एक केकेएच-थाकोट-हवेलियन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.
Source : IANS