चीन ने फिर अलापा गलत राग, कहा- हम लद्दाख-अरुणाचल को मान्यता नहीं देते

चीन ने पुलों के उद्घाटन को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उसने कहा कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी रूप से संघशासित राज्य घोषित किया है

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nitu pandey
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Chinese President Xi Jinping

चीन ने फिर अलापा गलत राग, कहा- हम लद्दाख-अरुणाचल को मान्यता नहीं देते( Photo Credit : फाइल फोटो)

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एलएसी के पास 44 अहम पुलों का उद्घाटन किया. जिसमें लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में बने पुल हैं. 44 महत्वपूर्ण पुलों के उद्घाटन को लेकर चीन की बौखलाहट सामने आई है. चीन ने पुलों के उद्घाटन को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उसने कहा कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी रूप से संघशासित राज्य घोषित किया है. 

चीन की बौखलाहट तब सामने आई जब वहां के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता  झाओ लिजियान ने कहा कि दोनों ही पक्षों को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे स्थिति गंभीर बनें. 

चीन के सरकारी अखबरा में छपी लेख के अनुसार झाओं ने कहा कि चीन गैरकानूनी रूप से बनाए गए केंद्र शासित लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता. हम विवादित क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रचर बनाने का भी विरोध करते हैं.

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वहीं मंगलवार को भारत और चीन के बीच सातवें दौर की सैन्य वार्ता हुई.  दोनों सेनाओं की ओर से मंगलवार को जारी एक संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि सैन्य वार्ता “सकारात्मक और रचनात्मक” रही तथा दोनों पक्ष अपने नेताओं द्वारा मतभेदों को विवादों में न बदलने की आपसी समझ को क्रियान्वित करने पर सहमत हुए.

वास्तविक नियंत्रण के भारतीय क्षेत्र में स्थित चुशुल में लगभग 12 घंटे चली वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के तरीकों पर चर्चा की. भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पांच महीने से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति में हैं.

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 संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने पर गंभीर, व्यापक और रचनात्मक बातचीत की.' वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों इस पर सहमत हुए कि यह वार्ता “सकारात्मक, रचनात्मक” रही और इससे एक दूसरे की स्थिति के प्रति बनी आपसी समझ में वृद्धि हुई.

 वक्तव्य में कहा गया, 'दोनों पक्ष सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से संवाद और संपर्क बरकरार रखने और यथाशीघ्र सैनिकों की वापसी के लिए दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए.' 

Source : News Nation Bureau

Arunachal Pradesh china Ladakh Defense Minister Rajnath Singh
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