उइगर मुस्लिम समुदायों के नरसंहार में चीन सरकार का सीधा हाथ सामने आया है. लंदन स्थित नागरिक स्वतंत्रता के अधिकारों के लिए बने उइगर ट्रिब्यूनल ने ये दावा किया है. एक मामले में फैसला देते हुए ट्रिब्यूनल ने इसे उइगर समेत मुसलमानों के दूसरे समुदाय के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध करार दिया है और चीन को दोषी ठहराया है. ट्रिब्यूनल के पैनल ने साफ कहा कि शिनजियांग इलाके में उइगरों को साजिशन खत्म किए जाने के लिए उनकी आबादी बढ़ने से रोकने की कोशिशों के सबूत मिले हैं. चीन शिनजियांग क्षेत्र में उइगरों मुसलमानों का लगातार शोषण कर रहा है.
द इंडिपेंडेंट में छपी खबर के मुताबिक चीन लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में आगे बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सरकार ने उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए यातना शिविर ( डिटेनशन कैम्पस) बनाए हुए हैं. दूसरी ओर लंबे जद्दोजहद के बाद अमेरिका प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को चीन पर उइगरों और दूसरे मुस्लिम संगठनों के साथ जबरन काम कराने को लेकर कानून लागू कर दिया है. इसके बाद अब उइगर मुसलमानों के खिलाफ चीन की मनमानी खत्म होने की उम्मीद बढ़ी है.
अमेरिका में चीन की मनमानी के खिलाफ कानून
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने सदन में वोटिंग के बाद चीन की मनमानी के खिलाफ कानून पास किया है. 428-1 के भारी बहुमत से ' उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम' का खुलकर समर्थन किया गया. अब इसे सीनेट के पास भेजा जाएगा. वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मुहर लग जाएगी. इस कानून के बन जाने से शिनजियांग से मैन्युफैक्चर हुए सामान पर रोक लगाई जा सकती है.
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चीन शिनजियांग में उइगर मुस्लिम समुदाय के साथ बुरे व्यवहार से इनकार करता रहा है, लेकिन अमेरिकी सरकार और कई नागरिक अधिकार संगठनों का साफ कहना है कि बीजिंग वहां लगातार नरसंहार को बढ़ावा दे रहा है.
HIGHLIGHTS
- मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में आगे बढ़ता जा रहा चीन
- चीन में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए यातना शिविर
- चीन में उइगर और मुसलमान के दूसरे समुदायों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध