चीन में सुरक्षा अधिकारियों ने हाल ही में नागरिकों के व्यक्तिगत डिजिटल उपकरणों की जांच करने का कठोर अभियान चलाया है. यह कदम देश में व्याप्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर लगातार बढ़ते हुए प्रतिबंधों का प्रतीक है. स्थानीय अधिकारियों ने इस कार्रवाई के लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. सिचुआन प्रांत में, पुलिस ने विशेष रूप से बस और ट्रेन स्टेशनों पर नागरिकों से उनके स्मार्टफोन्स और लैपटॉप्स जमा करने को कहा. इन उपकरणों की जांच करने का उद्देश्य उनमें संग्रहीत सामग्री की पहचान करना और संभावित रूप से अवैध या हानिकारक सामग्री की खोज करना था.
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कई नागरिकों के बीच चिंता और डर का माहौल
इस तरह की जांच प्रक्रिया ने कई नागरिकों के बीच चिंता और डर का माहौल बना दिया है. वे चिंतित हैं कि उनकी निजी जानकारी और डेटा का दुरुपयोग किया जा सकता है. नागरिक स्वतंत्रता समर्थक समूहों ने इसे गोपनीयता के उल्लंघन के रूप में देखा है और चीन सरकार पर नियंत्रण बढ़ाने का आरोप लगाया है. चीन में डिजिटल सेंसरशिप और सर्विलांस के कदमों को लेकर वैश्विक स्तर पर भी चिंताएं बढ़ रही हैं. इससे पहले भी, सरकार ने व्यापक इंटरनेट फिल्टरिंग और निगरानी सिस्टम के जरिए नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी है. यह नवीनतम जांच अभियान उसी नीति का विस्तार प्रतीत होता है.
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चीनी सरकार का कहना है कि ये उपाय देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य
चीनी सरकार का कहना है कि ये उपाय देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनिवार्य हैं. हालांकि, समीक्षक और अधिकार समूह इसे नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं. इस प्रकार के कदमों से नागरिक समाज के विकास पर असर पड़ सकता है और यह लोगों के बीच डर और अविश्वास को बढ़ा सकता है.
Source : Madhurendra Kumar