अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNited Nation Security Council) में हांगकांग का मसला उठाते हुए वहां पर नया सुरक्षा कानून लागू करने की प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया. दोनों देशों ने कहा, इससे आने वाले दिनों में हालात बिगड़ेंगे. हांगकांग का मसला सुरक्षा परिषद में उठाए जाने पर चीन आगबबूला हो गया है. उसने इस बात पर नाराजगी जताते हुए जवाब में रूस के साथ मिलकर अमेरिका में अश्वेत लोगों के खिलाफ हिंसा का आरोप लगाया. 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने हांगकांग पर बंद कमरे में अनौपचारिक चर्चा की, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन ने खुली चर्चा का नोटिस दिया था.
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चीन ने अमेरिका और ब्रिटेन के नोटिस पर आपत्ति जताते हुए कहा, हांगकांग मसले से अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता को कोई खतरा नहीं पैदा होने वाला, फिर इस पर क्यों तात्कालिक और खुली बहस की जाए. इस पर सदस्य देशों ने अनौपचारिक चर्चा करने का फैसला किया. चर्चा से पहले अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा, स्वतंत्र विश्व हांगकांग के लोगों के साथ खड़ा है. उनका हर कदम पर साथ दिया जाएगा.
हांगकांग मसले पर चीन के कदम को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया. इन देशों ने कहा, हस्तांतरण के समय ब्रिटेन और चीन के बीच हांगकांग का स्वायत्त दर्जा रखने का समझौता हुआ था जिसे चीन अब नया सुरक्षा कानून लागू कर खत्म कर रहा है. सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर एक देश-दो व्यवस्था के सिद्धांत के उल्लंघन पर चीन की निंदा की. इन देशों ने हांगकांग की संपन्नता और स्थिरता के लिए चीनी संसद के फैसले को लागू न करने की मांग की.
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चीन विरोधी आंदोलन में हांगकांग में करीब 100 बच्चे भी गिरफ्तार किए गए हैं. आइएएनएस समाचार एजेंसी के अनुसार, गिरफ्तार बच्चों में से कुछ तो 12 साल के हैं. हांगकांग के कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के नागरिकों को बच्चा माना जाता है. गिरफ्तार किए गए बच्चों के पास से नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुएं, पेचकस इत्यादि बरामद होने की बात कही गई है. कुछ बच्चे धीमी कार या बाइक चलाकर मुख्य सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश करते हुए भी पकड़े गए हैं. आंदोलनों में शामिल 396 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 234 पुरूष और 162 महिलाएं हैं.
बता दें कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं जबकि दस अस्थायी. पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के अलावा चीन भी शामिल है. इन पांच सदस्यों को वीटो का अधिकार भी प्राप्त है.
Source : News Nation Bureau