जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) से जहां दुनिया के ज्यादातर देश परेशान हैं, तो वहीं ये चीन की जरूरत बन गई है. दरअसल चीन (China) में जनसंख्या इतनी तेजी से घट रही है कि आने वाले कुछ सालों में चीन को युवाओं की कमी का सामना करना पड़ सकता है. तेजी से घटती जनसंख्या से सरकार इतनी परेशान हो गई है कि उसने 3 बच्चे पैदा करने की नीति को लागू कर दिया है. चीन ने आबादी की बढ़ती उम्र और देश की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाओं के लिए खतरा पैदा करने वाली घटती जन्म दर को रोकने के लिए यह फैसला किया है. इसका मतलब अब चीन के नागरिक तीसरा बच्चा भी पैदा कर पाएंगे.
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चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में एक पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान बदलाव को मंजूरी दी गई. इससे पहले ड्रैगन ने साल 2015 के अंत में ‘एक बच्चा नीति’ बदली थी. तब चीन की सरकार ने दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी थी. सरकार को अनुमान था कि देश की जन्मदर में तेजी से वृद्धि होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वृद्धि की बजाय जन्मदर में और अधिक गिरावट आ गई. वर्तमान समय में देश की एक बड़ी आबादी बूढ़ी होने वाली है. जिसके कारण आने वाले समय में देश को यूथ पॉवर की कमी भी हो सकती है.
आलम ये है कि सरकार द्वारा नव-दंपतियों को परिवार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ये काम स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. यह प्रोत्साहन ‘जनसंख्या बढ़ाने की नई नीति’ का हिस्सा है. इसके अनुसार वर्ष 2020 तक 30 लाख बच्चे प्रतिवर्ष पैदा होने चाहिए ताकि वर्ष 2050 तक 3 करोड़ युवा लेबर फोर्स में शामिल किए जा सकें. लेकिन जन्मदर बढ़ने का कोई ‘बेबी बूम’ चीन में नहीं दिख रहा है.
चीन की आबादी 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है हालांकि जनसंख्या वृद्धि की यह दर सबसे धीमी है. 2019 में आबादी 1.4 अरब थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस महीने की शुरुआत में चीन की एक दशक में एक बार की जनगणना से पता चला है कि 1950 के दशक के बाद से पिछले दशक के दौरान जनसंख्या सबसे धीमी दर से बढ़ी है. अकेले 2020 में महिलाओं ने औसत रूप से 1.3 बच्चों को जन्म दिया है.
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चीन की सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है जो 2010 के आंकड़ों के मुकाबले 5.8 प्रतिशत या 7.2 करोड़ ज्यादा है. इन आंकड़ों में हांगकांग और मकाउ को शामिल नहीं किया गया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र द्वारा जून 2019 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जहां आबादी में कमी आएगी. तो वहीं भारत में जनसंख्या तेजी के साथ बढ़ेगी. रिपोर्ट के अनुसार साल 2027 तक जनसंख्या के मामले में भारत चीन से आगे निकलकर सबसे ज्यादा आबादी बन जाएगा.
HIGHLIGHTS
- तेजी से घटती जनसंख्या से परेशान हुआ चीन
- आने वाले समय में चीन में यूथ पॉवर की कमी हो जाएगी
- सरकार ने 3 बच्चे पैदा करने की नीति लागू की