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चीन कर रहा इंकार, लेकिन विशेषज्ञ ने कबूला कोरोना नए तरीके का वायरस जो जानवर से फैला

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक प्रमुख महामारीविद् शी चंगली (Shi Zhengli) से साफ तौर पर कहा कि यह एक नये तरीके का वायरस है और यह जानवर से पैदा हुआ है.

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Nihar Saxena
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Shi Zhengli Wuhan

शी के खुलासे से चीन की जान सांसत में.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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जब से नोवल कोरोनो वायरस (Corona Virus) महामारी, जिसे कोविड-19 के रूप से भी जाना जाता है, दुनिया में फैली है, तब से सभी निगाहें वुहान (Wuhan) इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर आकर टिक गई हैं. वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक प्रमुख महामारीविद् शी चंगली (Shi Zhengli) से साफ तौर पर कहा कि यह एक नये तरीके का वायरस है और यह जानवर से पैदा हुआ है. उन्होंने कहा कि उनके इंस्टीट्यूट ने वायरस के जीनोम अनुक्रम का पता लगाने के बाद 12 जनवरी, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)को सौंप दिये थे. उसी समय, उन्होंने रोगजनकों की पहचान करने और वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया भर की सरकारों और वैज्ञानिकों के लिए जीआईएसएआईडी नामक एक जीन लाइब्रेरी में अन्य अनुक्रमों को भी अपलोड कर दिये थे.

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वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रमुख महामारीविद् शी चंगली ने कहा कि कोरोना महामारी के फैलने बाद उनके वैज्ञानिक दल ने बहुत ही कम समय में, एक साथ रोगजनक अलगाव, जीनोम अनुक्रमण और पशु संक्रमण प्रयोग किये, और बिना किसी देरी के न सभी कामों को पूरा किया. उन्होंने आगे कहा, 'हमने वास्तव में साल 2004 में चमगादड़ कोरोनावायरस का अध्ययन करना शुरू कर दिया था. 15 साल बाद, हमारे दल ने बड़ी संख्या में सामग्री, प्रौद्योगिकी, विधियों और अनुसंधान मंचों को इकट्ठा किया.' उन्होंने यह भी कहा कि उनके दल में कई प्रतिभाशाली व्यक्ति भी शामिल हुए हैं, इस तरह बहुत कम समय में अस्पष्टीकृत निमोनिया के कारण को समझने में सक्षम हुए हैं.

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पिछले साल दिसंबर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था, तब से वैज्ञानिक वायरस के उद्गम का पता लगाने लगे, ताकि वैक्सीन तैयार किया जा सके. इस बीच, यह शक जताया जाने लगा कि यह चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से 'लीक' हुआ है, जबकि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस प्रकृति में पैदा हुआ है, न कि मानव-निर्मित है. इस कोरोना वायरस ने अब तक वैश्विक स्तर पर 50 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और करीब साढ़े 3 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस कोरोना महामारी ने दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्थाओं की हालत पतली कर दी है.

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