Advertisment

UAE में चीन बना रहा 'सीक्रेट' सैन्य सुविधा, भारत-अमेरिका की चिंता बढ़ी

अमेरिका की चेतावनी के बाद निर्माण कार्य अब बंद हो गया है, मगर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कहा कि यह सिर्फ हिमशैल का एक सिरा है यानी मुद्दा इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
China UAE

चीन अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीतियों को दे रहा अंजाम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और मध्य पूर्व में इसके घटते प्रभाव के साथ, चीन तेल समृद्ध क्षेत्र में अपने सैन्य फुट प्रिंट बढ़ा रहा है. नवीनतम सैटेलाइट इमेज में कहा गया है कि चीन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खलीफा बंदरगाह में एक बहु-मंजिला सैन्य सुविधा का निर्माण कर रहा है, जो भारत और अमेरिका (America) के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है. यूएई सरकार ने इस मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं होने का दावा किया और इसका बचाव करते हुए कहा कि उन्हें टर्मिनल में उस इमारत के बारे में जानकारी नहीं थी, जिसे चीनी शिपिंग कॉर्पोरेशन कॉस्को (सीओएससीओ) द्वारा बनाया और संचालित किया गया था.

Advertisment

हालांकि अमेरिका की चेतावनी के बाद निर्माण कार्य अब बंद हो गया है, मगर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कहा कि यह सिर्फ हिमशैल का एक सिरा है यानी मुद्दा इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है और चीन ने न केवल संयुक्त अरब अमीरात बल्कि इस क्षेत्र में अफगानिस्तान सहित अन्य देशों के साथ सौदे किए हैं. एक सूत्र ने कहा, 'उनका एकमात्र हित गिरते अमेरिकी प्रभाव को भुनाने में है.' बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के माध्यम से यूएई चीनी निवेश के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र है. संयुक्त अरब अमीरात मध्य पूर्व क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार है और मध्य पूर्व के साथ चीन के गैर-तेल व्यापार के 28 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. इसके अलावा 200,000 से अधिक चीनी नागरिक खाड़ी देश में रहते हैं और निवेश करते हैं.

बीजिंग पारंपरिक रूप से विदेश में प्रत्यक्ष सैन्य भागीदारी को अंतिम उपाय के रूप में देखता है, लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में कथित सैन्य अड्डे की रिपोर्ट से संकेत मिल सकता है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) खाड़ी में अमेरिकी सेना से भिड़ने को तैयार हो सकती है. एक सूत्र ने कहा, 'चूंकि चीन राष्ट्रीय कायाकल्प हासिल करने के चीनी सपने को साकार करने के बारे में तेजी से आश्वस्त और महत्वाकांक्षी होता जा रहा है. इसलिए उसका मानना है कि दुनिया में अपनी बढ़ती आर्थिक उपस्थिति के साथ-साथ वैश्विक शक्ति और वैश्विक प्रभाव को आगे बढ़ाने की जरूरत है.'

सुरक्षा विश्लेषकों का सुझाव है कि इस तरह का निर्माण अभी भी विदेशों में चीन के सॉफ्ट पावर प्रोजेक्शन को स्पष्ट करेगा. एक सुरक्षा विश्लेषक ने कहा, 'चीन द्वारा खाड़ी के आधार पर सामरिक टुकड़ी की तैनाती की कोई भी योजना स्पष्ट रूप से निरर्थक होगी, क्योंकि यह सभी मोर्चे पर बड़े और अधिक परिष्कृत अमेरिकी सैन्य ठिकानों के एक जटिल नेटवर्क से घिरा होगा.' लेकिन चीन के निर्णय निर्माताओं के सामने सबसे बड़ी दुविधा घरेलू है जो घरेलू स्तर पर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने से उत्पन्न होती है, क्योंकि विदेशों में चीन के हित तेजी से बढ़ रहे हैं.

Advertisment

HIGHLIGHTS

  • बंदरगाह में एक बहु-मंजिला सैन्य सुविधा का कर रहा निर्माण
  • अमेरिका की आपत्ति के बाद चीन ने यूएई में काम दिया रोक
  • यूएई चीनी निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय केंद्र है
भारत चीन INDIA Military Establishment china America Concern सैन्य ठिकाना UAE अमेरिका संयुक्त अरब अमीरात
Advertisment
Advertisment