Advertisment

छोटे देशों को कर्ज के जाल में ऐसे फंसा रहा है चीन, जानिए पूरी सच्चाई

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) द्वारा नियंत्रण में किए जाने के बाद ही बीआरआई प्रोजेक्ट में बंदरगाहों, सड़कों, रेलवे, हवाईअड्डों और बिजली संयंत्रों के विकास को शामिल किया गया था. इसके बाद यह प्रोजेक्ट सैकड़ों अरबों डॉलर का हो गया है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Chinese President Xi Jinping

Chinese President Xi Jinping ( Photo Credit : IANS)

Advertisment

चीन (China) अपने बहु-प्रचारित बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) के जरिए श्रीलंका, जाम्बिया, लाओस, मालदीव, कांगो गणराज्य, टोंगा, पाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे कई देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर गंभीर वित्तीय खतरे में ढकेल रहा है. चीन ने बीआरआई के जरिए इन देशों में खासा निवेश किया है और इन देशों को सपने दिखाए हैं कि इससे उनके बुनियादा ढांचे में सुधार आएगा, जो उन्हें आर्थिक विकास में मदद करेगा. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) द्वारा नियंत्रण में किए जाने के बाद ही बीआरआई प्रोजेक्ट में बंदरगाहों, सड़कों, रेलवे, हवाईअड्डों और बिजली संयंत्रों के विकास को शामिल किया गया था. इसके बाद यह प्रोजेक्ट सैकड़ों अरबों डॉलर का हो गया है.

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में भी लगा टिकटॉक पर बैन, दोस्त चीन को दिया बड़ा झटका

2017 के अंत में चीन का जाम्बिया पर कुल ऋण लगभग 6.4 बिलियन डॉलर 
पिछले 7 साल में इस प्रोजेक्ट ने 70 से ज्यादा देशों में अपना काम फैलाया है. श्रीलंका ने अपने प्रतिष्ठित हंबनटोटा पोर्ट होल्डिंग्स कंपनी को 99 साल के लिए चीन को लीज पर देने के बाद कर्ज में डूबे कई देशों पर चिंता के बादल घिर आए हैं. ऐसे देशों की सूची खासी लंबी है. मालदीव पर चीन का लगभग 1.4 अरब डॉलर बकाया है. मालदीव के लिए कर्ज बहुत बड़ा है, क्योंकि उसकी जीडीपी ही 5.7 बिलियन डॉलर की है। वहीं जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में चाइना अफ्रीका इनीशिएटिव के एक अध्ययन के मुताबिक चीन का जाम्बिया पर कुल ऋण 2017 के अंत में लगभग 6.4 बिलियन डॉलर था.

यह भी पढ़ें: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की दूसरी बहस आधिकारिक रूप से रद्द

सीएचआर माइकलसन इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट में कहा, "अगर यह आंकड़ा सही है, तो जाम्बिया पर कुल 14.7 बिलियन डॉलर (राज्य गारंटेड लोन सहित) का कर्ज हो सकता है, जिसमें चीनी लोन 44 फीसदी का है. उधर, पाकिस्तान की हालत भी खराब है। वहां बीआरआई के अलाचवा चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भी चल रहा है. ईवाय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डी.के.श्रीवास्तव कहते हैं, "चीन आक्रामक रूप से उधार दे रहा है, वो भी खासकर गरीब देशों को. यह उन देशों के लिए अधिक समस्याएं और चुनौतियां पैदा करता है जो बीआरआई में शामिल हैं. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन कहते हैं, "जब हम गहराई से विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि चीन द्वारा चलाए जा रहे सभी प्रोजेक्ट्स चीन पर ही केंद्रित हैं. ये कंपनियां आम तौर पर चीनी सरकार के स्वामित्व में हैं.

चीन china Xi Jinping World Bank शी जिनपिंग IMF Private Sector International Monetary Fund China Economic Policy श्रीलंका Chinese Communist Party Chinese Debt
Advertisment
Advertisment
Advertisment