चीन ने पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से चीन की यात्रा करने वाले भारतीयों पर प्रतिबंध लगा दिया है. नतीजतन कई छात्र, व्यवसायी और परिवार के सदस्य भारत में फंसे हुए हैं. भारतीय राजदूत ने इस मुद्दे पर चीन के साथ बातचीत शुरू की है, क्योंकि यह विशुद्ध रूप से मानवीय मामला है, द्विपक्षीय राजनयिक मुद्दे जितना जटिल नहीं है. हालांकि चीन के साथ इसके मतभेद हैं, भारत ने वाणिज्यिक और व्यापार संबंधों को जारी रखने का प्रयास किया है. उदाहरण के लिए चीनी व्यापारियों को भारत आने के लिए वीजा जारी करना. चीन का यह रवैया सही नहीं है.
23 हजार भारतीय छात्र भी नहीं लौट पा रहे
लगभग 23,000 भारतीय छात्र चीनी विश्वविद्यालयों में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे, जो अब असहाय हैं और चीन में अपने पाठ्यक्रम पर लौटने में असमर्थ हैं. चीनी विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम विषयों, विशेष रूप से व्यावहारिक क्लीनिकों की नींव रखने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे. साथ ही छात्रों को उन एप्स को डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया गया है जो भारत में प्रतिबंधित हैं. इंसुलेट बॉर्डर स्टैंड-ऑफ को लेकर भारत ने लगभग 250 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. छात्रों का आरोप है कि अपने पाठ्यक्रम को जारी रखने के लिए उन पर वीचैट, डिंग टॉक, सुपरस्टार और एक वीडियो चैट एप जैसे प्रतिबंधित चीनी एप डाउनलोड करने के लिए दबाव डाला जा रहा है. फिलहाल चीन में भारतीय छात्रों (आईएससी) के सदस्य छात्रों को अपनी कक्षा का प्रबंधन करने के लिए वीपीएन के माध्यम से चीनी एप में प्रवेश करने के लिए कहा गया है.
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वीजा से भी कर रहा है वंचित
चीनी प्राधिकरण ने छात्रों की विनती अनसुनी कर दी है. आईएससी के बैनर तले, लगभग 3,000 छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे चीन में कोविड संबंधी सभी आवश्यक प्रोटोकॉल, जैसे संगरोध अवधि, टीकाकरण और परीक्षण आदि का पालन करेंगे. केवल भारतीयों को ही चीन की यात्रा करने से नहीं रोका गया है, बल्कि चीनी नागरिकों को भी चीन जाने वाले विमानों में चढ़ने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य कोड को पूरा नहीं करने के आधार पर वीजा से वंचित किया जा रहा है. पिछले डेढ़ साल से विभाजित परिवारों के रूप में रह रहे परिवार के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. कुछ अपने बीमार रिश्तेदारों से मिलने नहीं जा सके, जबकि कुछ परिवार एक-दूसरे से मिलने के लिए नेपाल, श्रीलंका और यूएई जैसे तीसरे देशों की यात्रा कर रहे हैं.
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चीनी नागरिकों को भारत दे रहा है वीजा
भारत ने चीनी नागरिकों को भारत में उनके परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए वीजा जारी करना शुरू कर दिया है, लेकिन यह उनके लिए किसी काम का नहीं है, क्योंकि चीन देश में वापस आने के लिए वीजा से इनकार करके उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहा है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के 100 साल पूरे होने का जश्न पूरा होने तक चीजें आगे बढ़ने की संभावना नहीं थी, लेकिन वे अब खत्म हो गए हैं और फिर भी चीन वीजा जारी नहीं कर रहा है. दूसरी ओर, भारत ने चीनी व्यापारियों को भारत की यात्रा की अनुमति देने के लिए वीजा जारी करना शुरू कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- चीन के विश्वविद्यालय में पढ़ रहे 23 हजार छात्र भी फंसे
- बीते डेढ़ साल से बीजिंग ने लगा रखा है भारतीयों पर प्रतिबंध
- नई दिल्ली दे रहा है भारत आने वाले चीनी नागिरकों को वीजा