मई में पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हिंसक झड़प के बाद भारत से चल रहे तनाव के बीच चीन सीमा के नजदीक आधारभूत ढांचे को निरंतर मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है. इस कड़ी में बीजिंग प्रशासन पूर्वी लद्दाख के नजदीक स्थित तिब्बत में नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी में है. सामरिक और रणनीतिक रुप से सिचुआन-तिब्बत (Sichuan-Tibet) रेलवे लाइन का निर्माण काफी महत्वपूर्ण होगा. यह रेलवे लाइन दक्षिण पश्चिम के प्रांत सिचुआन से शुरू होकर तिब्बत के लिंझी तक जाएगी. इस रेलवे लाइन के बनने से चीन की पहुंच अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के लगभग बॉर्डर तक हो जाएगी. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े टेंडर प्रक्रिया के पूरी होने की घोषणा की है.
Construction of the Sichuan-Tibet Railway will not only enhance the overall socioeconomic development of Tibet, but will play an important role in safeguarding China's border stability: observershttps://t.co/riWhQEpOHl
— Global Times (@globaltimesnews) October 31, 2020
यह भी पढ़ेंः चीन को भारत की दो टूक, एलएसी पर बदलाव का एकतरफा प्रयास मंजूर नहीं
दूसरी महत्वपूर्ण रेल लाइन
सिचुआन-तिब्बत रेल मार्ग पर शुरू होने वाला कार्य तिब्बत को चीन से जोड़ने वाली रेलवे की दूसरी परियोजना होगी. इससे पहले क्विंझाई-तिब्बत रेल मार्ग तैयार हो चुका है. तैयार रेल मार्ग की तरह नया रेल मार्ग भी पर्वतीय मुश्किलों से जूझते हुए तैयार होगा. यह दुनिया का सबसे ज्यादा ऊंचा-नीचा इलाका है. अब चीन रेलवे ने शनिवार को इस रूट पर बनने जा रहे दो सुरंग और एक पुल के निविदा नतीजों का ऐलान किया. इसके अलावा यान-लिंझी लाइन को बिजली आपूर्ति करने वाली टेंडरिंग भी फाइनल हो गई है. चीन के ये कदम इस बात का संकेत है कि बीजिंग इस प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू करने जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः गुपचुप तरीके से लोगों को चीन दे रहा कोरोना वैक्सीन, बताने पर दी कार्रवाई की चेतावनी
अरुणाचल तक पहुंच होगी आसान
बता दें कि सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन सिचुआन की राजधानी चेंगडू से शुरू होगी. सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन तिब्बत के जिस लिंझी में समाप्त होगी, वह स्थान अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर से काफी नजदीक है. उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश को भी अपना हिस्सा मानता है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है. भारत ने चीन के इस दावे का सख्ती से विरोध किया हुआ है और कहा है कि संपूर्ण अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है.
यह भी पढ़ेंः चीन को चेतावनी, विपक्ष पर वार, पढ़ें PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
चेंगडू से ल्हासा महज 13 घंटे में
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन की लंबाई 1011 किलोमीटर होगी. इस रूट पर ट्रेनें 120 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. इस प्रोजेक्ट पर चीन भारी भरकम 47.8 अरब डॉलर खर्च करेगा. इस रेल मार्ग के तैयार होने से चेंगडू से ल्हासा का सफर 48 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा. लिंझी को निंगची के नाम से भी जाना जाता है। यह इलाका भारतीय प्रांत अरुणाचल प्रदेश के करीब है. लिंझी में चीन ने एयरपोर्ट भी बना रखा है. यहां का एयरपोर्ट हिमालय क्षेत्र में बने उसके पांच हवाई अड्डों में से एक है.