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'Boycott Chinese Products' का चीन ने उड़ाया मजाक, कहा- यह इतना आसान काम नहीं

भारत-चीन सीमा (India-China Border Dispute) पर तनाव के बीच जहां कई संगठन चाइनीज माल का बहिष्‍कार करने की अपील कर रहे हैं, वहीं चीन ने इस तरह के अभियान का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि यह इतना आसान काम नहीं है और अब यह 7000 करोड़ का कारोबार बन चुका है.

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Sunil Mishra
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Boycott Chinese Products का चीन ने उड़ाया मजाक, कही यह बात( Photo Credit : File Photo)

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भारत-चीन सीमा (India-China Border Dispute) पर तनाव के बीच जहां कई संगठन चाइनीज माल का बहिष्‍कार करने की अपील कर रहे हैं, वहीं चीन ने इस तरह के अभियान का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि यह इतना आसान काम नहीं है और अब यह 7000 करोड़ का कारोबार बन चुका है. चीन ने यह भी कहा, हमारे सामान अब भारतीय समाज का हिस्‍सा बन चुके हैं. चीन ने कहा, कुछ अति-राष्ट्रवादी हमारे सामान के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं लेकिन ऐसा करना आसान नहीं है.

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सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में चीन ने कहा है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन के सामान का बहिष्कार करने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है, लेकिन हम भारत को समझाना चाहते हैं कि यह घाटे का सौदा है और ऐसा मुमकिन भी नहीं है. चीन ने बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट फेम वैज्ञानिक सोनम वांगचुक द्वारा जारी वीडियो और 'रीमूव चाइनीज एप' नाम की एप्लीकेशन को लेकर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. शिकायत के बाद इस एप्लीकेशन को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है. दावे के मुताबिक इस एप को ऐसे डिजाइन किया गया था कि ये चीन में बने सभी एप्लीकेशन को सलेक्ट कर आपके स्मार्टफोन से डिलीट कर देता था.

लेख के मुताबिक, भारत-चीन सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है और यह उतना गंभीर नहीं है जितना इसे भारत में लोग बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं. भारतीय सरकार का रवैया इस पर सकारात्मक है. चीन ने आरोप लगाया है कि उसके बारे में भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं.

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शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज के रिसर्च फेलो झाओ गनचेंग कहते हैं, चीन के खिलाफ भारत में गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. दोनों देशों के बीच बीते साल 7 हजार करोड़ का व्‍यापार हुआ है और इसमें से ज्यादातर भारत ने आयात किया है.

चीनी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कन्टेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशन के साउथ एशियन इंस्टीट्यूट के डेप्युटी डायरेक्टर लोउ चुन्हाऊ कहते हैं, भारतीयों के लिए चीनी सामन का बहिष्कार करना संभव ही नहीं है. मोदी सरकार भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर को फिर से खड़ा करना चाहती है जो फ़िलहाल भारत की GDP का सिर्फ 16% ही है लेकिन यह चीनी सामान के बहिष्कार से संभव नहीं है.

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Source : News Nation Bureau

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