चीन ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन ताइवान की तरफ और भी लड़ाकू विमान भेजे. चीन ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ताइवान के वरिष्ठ नेता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और एक उच्च स्तरीय अमेरिकी दूत ताइवान को लोकतांत्रिक व्यवस्था में तब्दील करने वाले पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग हुई को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. अमेरिका की विदेश उप मंत्री किथ क्राच कार्यक्रम में मौजूद रहे, लेकिन कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और शुक्रवार को ताइवान जलडमरुमध्य के ऊपर 18 लड़ाकू विमानों को भेजा, असमान्य तरीके से इतने बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन किया गया है.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक शनिवार को चीन ने दो बमवर्षक विमान सहित 19 लड़ाकू विमानों को भेजा. मंत्रालय ने कहा कि ताइवान की वायुसेना ने इसका मुकाबला किया और चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की तैनाती की गई है. उल्लेखनीय है कि ली को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शनिवार को ताइपे स्थित एलेथिया विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया और इसमें राष्ट्रपति त्साई इंग वेन भी शामिल हुईं.
गौरतलब है कि ली ने ताइवान में शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित किया और चीनी मुख्यभूमि से अलग ताइवान की राजनीतिक पहचान स्थापित की. चीन, ताइवान को अलग हुआ प्रांत मानता है और जरूरत पड़ने पर ताकत के बल पर हासिल करने की बात करता है. ली का 30 जुलाई को 97 साल की उम्र में निधन हो गया था. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को संपादकीय में लिखा कि जितनी बार उच्च पदस्थ अमेरिकी अधिकारी ताइवान जाएंगे, उतनी बार जनमुक्ति सेना के लड़ाकू विमान द्वीप के और करीब जाएंगे.
Source : Bhasha