कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर दुनिया से लगातार झूठ बोल रहे चीन (China) ने एक बार फिर डब्ल्यूएचओ (WHO) की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दोबारा जांच की मांग की गई थी. बीजिंग पर एक बार फिर दबाव बढ़ रहा है कि वह एक महामारी के मूल की नई जांच पर विचार करे, जिसने दुनिया भर में चार मिलियन से अधिक लोगों की जान ले ली है. कोरोना ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं को कमजोर कर दिया है. गौरतलब है कि पहली बार कोरोना के मामले मध्य चीनी शहर वुहान में ही सामने आए थे.
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की डब्ल्यूएचओ की एक टीम जनवरी 2021 में पहले चरण की रिपोर्ट तैयार करने के लिए वुहान गई थी, जिसे उनके चीनी समकक्षों के साथ मिलकर तैयार किया गया था. यह टीम वायरस कैसे शुरू हुआ, इस पर निर्णायक स्थिति तक पहुंचने में विफल रही. गुरुवार को डब्ल्यूएचओ ने चीन से आग्रह किया कि वह बीमारी की उत्पत्ति की अपनी जांच को दोबारा करने की जरूरत है. इसके लिए कोरोना के मामलों के रॉ डेटा को साझा करने की जरूरत है.
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चीन ने अब डब्ल्यूएचओ पर पलटवार करते हुए कहा कि पहली टीम अपनी जांच पूरी कर चुकी है जो किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे. उसमें भी पर्याप्त डेटा दिया गया था. अब ताजा मांग वैज्ञानिक जांच के बजाय राजनीति से प्रेरित लगती है. चीन ने कहा कि हम राजनीतिक ट्रेसिंग का विरोध करते हैं. जनवरी में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ टीम की वुहान यात्रा पर गई थी. उस रिपोर्ट में कहा गया था कि वायरस चमगादड़ से मनुष्यों में गया जबकि वुहान वायरोलॉजी लैब से एक रिसाव "बेहद असंभव" था.
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चीन का कहना है कि "डब्ल्यूएचओ और चीन की संयुक्त रिपोर्ट के निष्कर्षों और सिफारिशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा मान्यता दी गई थी," चीन ने कहा कि नई रिपोर्ट की शुरुआत करने के बजाय पुरानी रिपोर्ट के आधार पर ही नजीते निकाले जाने चाहिए.
HIGHLIGHTS
- चीन ने दोबारा जांच की WHO टीम की मांग को किया खारिज
- जनवरी में WHO की टीम ने चीन के साथ मिलकर वुहान में की थी जांच
- पहली रिपोर्ट में नहीं मिले थे वुहान लैब से वायरस लीक होने के सबूत