अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ड और रोड परियोजना क्षेत्रीय सहयोग में प्रोत्साहन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है लेकिन इसके साथ कर्ज की स्थिरता का जोखिम बना रहेगा।
बता दें कि प वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) परियोजना के जरिये चीन एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप को एक साथ सड़क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है।
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने बताया, 'बेल्ड और रोड परियोजना एक बहुत ही आवश्यक कदम है जिससे व्यापार और निवेश में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा आधारभूत परियोजनाओं, देशों को जोड़ने में और इसके व्यापार विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।'
साथ ही उन्होंने कहा, इस तरह के बड़े कदमों के साथ कर्ज की स्थिरता और चीन के इस प्रोजेक्ट का दूसरे देशों के ऊपर फैलने से इससे जोखिम भी पनप सकता है।
उन्होंने कहा, 'इसलिए यह संतुलित और स्पष्ट है। जब हम एक संभावित लाभ देखते हैं तो दूसरी तरफ इसकी संभावित जोखिम भी है।'
आईएमएफ ने यह भी कहा कि यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि इस परियोजना को किस तरीके से लागू किया जाएगा और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी कितनी होगी।
बता दें कि इस प्रोजक्ट के तहत लगभग 60 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध स्थापित होंगे। चीन इसके जरिये भारत को भी घेरने की तैयारी में है।
पिछले साल हुए चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) शिखर बैठक का भारत ने बहिष्कार किया था।
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Source : News Nation Bureau