पूर्वी लद्दाख (east ladakh) के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए. पूरे देश में चीन को लेकर रोष का माहौल है. इधर, चीन इतना डर गया है कि उसने कहा कि वो भारत के साथ और झड़प नहीं चाहता है.
एसएसी पर झड़प को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. चीन नहीं चाहता है कि आगे किसी तरह भी की तरह की झड़प हो.
भारत के 20 जवान हुए शहीद
सोमवार को चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच झड़प हुई थी. जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हो गए. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिए स्थिति को हल करने की कोशिश कर रहे हैं.
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने फिर से दोहराया कि चीन को झड़प के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. सीमा पर स्थिति नियंत्रण में हैं.
गतिरोध दूर करने के लिए कुछ दिनों से दोनों तरफ से हो रही थी बातचीत
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है. पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है. भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है. गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है.
चीन के 35 जवान हुए जख्मी !
इधर, अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि हिंसक झड़प में चीन के 35 जवान हताहत हुए हैं. कोई यह संख्या 43 बता रहा है. हालांकि इन अपने ही देश की जनता को इसकी जानकारी देने से इंकार कर दिया है.
चीन ने जवानों के जख्मी होने की सूचना देने से किया इंकार
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार रात को हुई झड़प में चीनी पक्ष के 43 जवानों के हताहत होने संबंधी रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से संवाददाता सम्मेलन में इनकार कर दिया.
Source : News Nation Bureau