Advertisment

चीनी मीडिया का बयान 'कोल्ड स्टार्ट' नीति नाकाफी, पाकिस्तान को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता भारत

चीन ने भारत की 'कोल्ड स्टार्ट' नीति को पाकिस्तान के खिलाफ नाकाफी बताया है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने कहा यह भारत की पाकिस्तानी पर जीत की गारंटी नहीं।

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
चीनी मीडिया का बयान 'कोल्ड स्टार्ट' नीति नाकाफी, पाकिस्तान को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता भारत

भारतीय सेना (फाइल फोटो)

Advertisment

चीन ने भारत की 'कोल्ड स्टार्ट' की नीति को पाकिस्तान के खिलाफ नाकाफी बताया है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पाकिस्तानी क्षेत्र पर नियंत्रण करने में सक्षम भारतीय सेना की 'कोल्ड स्टार्ट' नीति को नाकाफी बताते हुए कहा है कि हालांकि यह भयभीत करने वाली है लेकिन इससे परमाणु संपन्न पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत की गारंटी नहीं है।

चीनी मीडिया के मुताबिक ज़्यादा ताकतवर होते हुए भी भारत पाकिस्तान को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इस समाचार पत्र में प्रकाशित एक आर्टिकल में कहा गया है कि, 'भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु-संपन्न देश हैं।

कोल्ड स्टार्ट की रणनीति भयभीत करने वाली प्रतीत होती है और दोनों देशों की सैन्य क्षमता में अंतर है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ आसानी से एकतरफा जीत हासिल कर सकता है।'

आलेख में कहा गया है, 'सच्चाई यह है कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा में उल्लेखनीय तौर पर मजबूत है और उसके परमाणु हथियारों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।'

समाचार पत्र में कहा गया है कि दक्षिण एशिया को लेकर अमेरिका की भविष्य की विदेश नीति में अनिश्चितता के मद्देनजर पहले से रुकी हुई भारत-पाकिस्तान की शांति प्रकिया अब नाजुक स्थिति में पहुंच गयी है।

कुछ दिन पहले भारत के नए सेना चीफ जनरल बिपिन रावत ने 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन' का जिक्र किया था। हालांकि इससे पहले भारत इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करने से बचता रहा था।

'कोल्ड स्टार्ट' नीति के मायने:

यह नीति 2001 में संसद हमले के बाद बनाई गई थी। संसद पर हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सीमा पर भारतीय सेना की तैयारियों में वक्त लगा था। इसी दौरान पाकिस्तान ने जवाब देने की पुख्ता तैयारियां कर ली थीं। इसके बाद 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन' बनाई गई।

2001 की घटना से सबक लेते हुए इस नीति को बनाया गया था। इस नीति के तहत युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को तैयारी का मौका दिए बिना सभी सेनाएं मिलकर तेजी से हमले को अंजाम देंगी।

युद्ध की स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय शक्तियों द्वारा सीजफायर की मांग से पहले ही पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान पहुंचा देने का कॉन्सेप्ट इसमें शामिल है। इसमें पाकिस्तान के इलाकों पर कब्जा और उसे परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से रोकने की भी बात है।

विधानसभा चुनावों की ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Source : News Nation Bureau

pakistan indian-army chaina
Advertisment
Advertisment
Advertisment