चीन और अमेरिका में सकता है वॉर! इसीलिए शी जिनपिंग ने उठाए ये खतरनाक कदम

चीन (CHINA) आज की तारीख में पूरी दुनिया के निशाने पर हैं. कोरोना वायरस को लेकर लगातार उसपर हमले हो रहे हैं. अमेरिका और उसके बीच तो तनाव बढ़ता ही जा रहा है.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
china

चीन ने उठाया ये खतरनाक कदम( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

चीन (CHINA) आज की तारीख में पूरी दुनिया के निशाने पर हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर लगातार उसपर हमले हो रहे हैं. अमेरिका और उसके बीच तो तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका और चीन के जंगी जहाजों ने साउथ चाइना सी में अपनी गश्ती बढ़ा दी है. आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के बाद अमेरिका चीन पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है. हालांकि चीन भी अमेरिका का जवाब देने के लिए मुस्तैद दिखाई दे रहा है. चीन के नौसेना को लेकर एक बहुत बड़ी बात सामने आई है.

खुलासा हुआ है कि चीन ने अपनी पनडुब्बियों को जमीन के अंदर बनी सुरंगों में छिपा दिया है. चीन इस रणनीति पर काम कर रहा है कि अगर अमेरिका उसपर हमला करता है और उसके तमाम ठिकानों को नेस्तोनाबूत कर देता है इसके बावजूद वो आसानी से अमेरिका पर पलटवार कर सकता है. इसलिए उसने अपने पनडुब्बियों को जमीन के अंदर बनी सुरंग में छिपाने का काम किया है.

चीन के सुरंग पर हमला से नहीं होगा कोई नुकसान

फोर्ब्‍स पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने 9000 मील तक फैले तटीय इलाके में कई नौसैनिक ठिकाने बनाए हैं. विशेषज्ञों की मानें तो चीन के सुरंग बेहद ही मजबूत हैं. अगर इन सुरंगों पर सीधे परमाणु बन से हमला ना हो तो यह कोई भी हमला झेलने में सक्षम है. चीन ने इन सुरंगों में दुनिया में तबाही लाने में सक्षम पनडुब्बियों को छिपा कर रखा है.

इसे भी पढ़ें:विशाखापत्तनम में जहरीली गैस लीक से मची तबाही, ताले तोड़कर लोगों को निकाला जा रहा बाहर

चीन ने इन दो जगहों पर बनाया है सुरंग

फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक चीन की दो सुरंगों में से एक जिआंगगेझुआंग नेवल बेस पर बनी है. जबकि दूसरा यूलिन में है. जिआंगगेझुआंग नेवल बेस पर बलिस्टिक मिसाइल से लैस सबमैरिन को छिपाया गया है. जबकि यूलिन में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट कैरियर रखने के लिए बनाया गया है.

चीन ने इन सुरंगों को चट्टानों के बीच बनाया है. जिसके अंद पानी के रास्ते जाया जा सकता है. हालांकि जमीन के ऊपर बनी और पानी के अंदर से जाने वाले इस सुरंग पर समुद्री रास्ते से हमला नहीं किया जा सकता है. इसी लिए चीन ने इस तिलिस्मी सुरंग को बनाया है.

और पढ़ें:कोरोना वायरस की वजह से रद्द हो सकता है ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस, आयोजकों ने कही ये बड़ी बात

स्वीडन ने भी किया चीन के रास्ते पर चलने का ऐलान

बताया जा रहा है कि चीन की इस रणनीति पर अब स्‍वीडन भी बढ़ने जा रहा है. स्वीडन ने कहा है कि वह मुस्को सुपर बेस को फिर से खोलेगा. कोल्ड वॉर के समय इसे बंद कर दिया था. भारत भी चीन की इस रणनीति से सावधान हो गया है. भारत के नौसेना इसे लेकर सतर्क हो गये है. जबकि अमेरिका इससे निपटने के लिए योजना भी बनाने लगी है.

covid-19 coronavirus America china Submarines
Advertisment
Advertisment
Advertisment