चीन ने देश में रह रहे ईसाईयों को उनके घरों से ईसा मसीह की फोटो हटाने के लिए कहा है। दक्षिण पूर्वी चीन में रह रहे ईसाईयों को उनके घरों से ईसा मसीह की फोटो हटाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो लगाने के लिए कहा गया है।
युगान प्रांत में रह रहे ईसाईयों से कहा गया है कि गरीबी और अन्य संकटों से ईसा मसीह नहीं बल्कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी छुटकारा दिलाएगी। स्थानीय अधिकारी ने यहां के लोगों से ईसा मसीह के बदले शी जिनपिंग की सुंदर तस्वीर लगाने की अपील की है।
चीन का यह प्रांत गरीब और अन्य समस्याओं के लिए जाना जाता है और यहां ईसाईयों की बड़ी आबादी रहती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक देश के इस प्रांत की करीब एक करोड़ आबादी का 11 फीसदी हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे हैं और इसमें ईसाईयों की आबादी महज 10 फीसदी है।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक युगान के लोगों ने ईसा मसीह की 624 तस्वीरों और उनकी उक्तियों को हटाकर उनकी जगह शी जिनपिंग की तस्वीर लगाई है।
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चीन में यह लगातार शी जिनपिंग के मजबूत होते कद की बानगी है। माना जा रहा है कि माओत्से तुंग के बाद वह देश के दूसरे बड़े शक्तिशाली और कद्दावर नेता हैं। चीन के हर घर में माओ की तस्वीर आम बात है।
शी जिनपिंग के शासनकाल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने 2020 तक देश से गरीबी हटाने का लक्ष्य रखा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का यह कैंपेन न केवल माओत्से तुंग की विरासतको आगे बढ़ाने का है बल्कि इसका मकसद देश में पार्टी की जड़ों को और मजबूत करना है।
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HIGHLIGHTS
- चीन ने देश में रह रहे ईसाईयों को उनके घरों से ईसा मसीह की फोटो हटाने के लिए कहा है
- दक्षिण पूर्वी चीन में रह रहे ईसाईयों को उनके घरों से ईसा मसीह की फोटो हटाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो लगाने के लिए कहा गया है
Source : News Nation Bureau