हांगकांग में अपनी दमनकारी नीतियों के लिए चीन दुनिया भर में अकेला पड़ता जा रहा है. इसके बावजूद उसके तेवर कम नहीं हुए हैं. अमेरिका की अगुवाई में पांच देशों के जनप्रतिनिधियों के चुनाव में हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम नहीं करने के बयान पर बीजिंग प्रशासन ने आंख फोड़ देने की धमकी दी है. कोरोना वायरस के बाद से चीन दुनिया के कई देशों खासकर अमेरिका के निशाने पर है. ये देश चीन की विस्तारवादी और हांगकांग में दमनकारी नीतियों को लेकर बीजिंग पर आलोचनात्मक रवैया अपनाए हुए हैं. ऐसे में चीन भी अपनी संप्रभुत्ता का हवाला दे धमकी या आंखे तरेरने से बाज नहीं आ रहा है.
ये हैं फाइव आईज देश
गौरतलब है कि अमेरिका की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन सरीखे पांच देशों के एक समूह ने चीन से कहा कि वह जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम ना करे. इन सभी देशों ने हांगकांग के दमन पर चीन को कठघरे में खड़ा करने के लिए 'फाइव आईज' गठबंधन बनाया हुआ है. इन पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर हांगकांग के निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अयोग्य करार देने के लिये चीन द्वारा लागू किये गये नये नियम के संबंध में अपनी गंभीर चिंता दोहरायी. विदेश मंत्रियों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने एवं सितंबर में होने वाले विधान परिषद चुनाव को स्थगित किये जाने बाद, इस फैसले ने हांगकांग की उच्च स्तर की स्वायत्तता एवं अधिकारों और स्वतंत्रता को कमजोर कर दिया है.
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चीन को लगातार घेर रहे हैं कई देश
'फाइव आईज' के बयान में कहा गया है कि संयुक्त घोषणा एवं बेसिक लॉ को ध्यान में रखते हुये चीन से जन प्रतिनिधि चुनने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम ना करने को कहते हैं. हांगकांग की स्थिरता एवं समृद्धि की खातिर, यह आवश्यक है कि चीन और हांगकांग के अधिकारी वहां के लोगों की चिंताओं और विचारों को अभिव्यक्त करने वाले माध्यमों का सम्मान करें. इसमें कहा गया कि चीन की यह कार्रवाई कानूनी रूप से बाध्यकारी और संयुक्त राष्ट्र में पंजीकृत, चीन-ब्रिटिश संयुक्त घोषणा के तहत उसके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का स्पष्ट उल्लंघन है. इसमें कहा गया है कि यह चीन की उस प्रतिबद्धता का भी उल्लंघन है, जिसमें उसने कहा था कि हांगकांग को उच्च स्तर की स्वायत्तता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार होगा.
आलोचना से तिलमिलाए चीन ने दी धमकी
यह अलग बात है कि चीन ने हांगकांग को लेकर अपनी नीति की अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा की गई आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिये कि चीन इस पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी को वापस पा चुका है. 'वुल्फ वॉरियर' के नाम से लोकप्रिय चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड द्वारा हांगकांग के बारे में दिये गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही. लिजियान ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में कहा, 'उनकी पांच आखें हैं या दस, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर वे चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों को नुकसान पहुंचाने की हिमाकत करते हैं तो उन्हें अपनी आंखों को लेकर सावधान रहना चाहिए जिन्हें फोड़कर उन्हें अंधा किया जा सकता है.'
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हांगकांग को लेकर यह है ब्रिटेन की शर्त
ब्रिटेन ने लगभग 75 लाख की आबादी वाले हांगकांग शहर को 1997 में एक समझौते के तहत चीन को वापस सौंप दिया था, लेकिन समझौते में शर्त रखी गई थी कि 50 वर्ष बाद स्थानीय मामलों में हांगकांग को स्वायत्ता प्रदान की जाएगी.
Source : News Nation Bureau