पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिकी सख्ती के साथ ही इस्लामाबाद-बीजिंग और करीब आने लगे हैं। खबर है कि चीन चाबहार बंदरगाह के नजदीक मिलिट्री बेस बना सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन पाकिस्तान के जिवानी में अपना नेवी बेस बनाना चाहता है। जिवानी ओमान की खाड़ी में स्थित है। जो ईरान के चाबहार बंदरगाह के नजदीक है।
आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अधिकांश सुरक्षा मदद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति रोक दी थी अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य नेताओं से चेतावनियों के बावजूद आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखा है।
चाबहार बंदरगाह का निर्माण भारत की मदद से किया गया है। इस बंदरगाह के निर्माण से भारत के लिए समुद्री सड़क मार्ग से अफगानिस्तान पहुंचने में सहुलियत हुई है। और व्यापार के लिए उसे पाकिस्तान के रास्ते की आवश्यकता नहीं होती है। इस बंदरगाह की क्षमता 85 लाख टन है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर मिलिट्री बेस बनाकर समुद्री क्षमताओं को और बढ़ाना चाहता है। अगर चीन अपनी योजना में सफल रहा तो अरब सागर में उसका प्रभुत्व और बढ़ेगा।
साउथ एशियन स्टडीज के विशेषज्ञ ने जिवानी में मिलिट्री बेस बनाने की योजना पर कहा, 'बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों के पास पाकिस्तान में संयुक्त नौसेनिक इंफ्रास्टक्चर निर्माण की क्षमता है। लेकिन इस समय इसकी जरूरत नहीं है।'
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आपको बता दें चीन विदेश में अपना पहला मिलिट्री बेस हिंद महासागर के जिबूती में बनाया है। जिबूती बेस से अफ्रीका और दक्षिण एशिया में उसकी नजर मजबूत हुई है।
श्रीलंका ने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण हंबनटोटा बंदरगाह को भी चीन ने 99 साल के पट्टे पर लिया है।
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Source : News Nation Bureau