चीनी विश्लेषकों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग को अपने दूसरे कार्यकाल में भारत के साथ डोकलाम जैसी स्थिति और साउथ चाइना सी में मिलने वाली चुनौती का सीधे मुकाबला करेंगे ताकि चीन के हितों की रक्षा की जा सके।
चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेंपोररी रिलेशन के उप-अध्यक्ष युआन पेंग ने कहा, 'हमने पहले सोचा कि सारे विवादों को खत्म कर लिया जाएगा। अब हमें विवादों का सीधा सामना करना होगा।'
युआन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की बैठक के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सीपीसी की बैठक में जिंगपिंग को अगसृले पांच साल के लिये पार्टी का प्रमुख बनाया गया है और उनके विचारों को संविधान में जगह दी गई है।
भारत और चीन की सेनाएं डोकलाम में 72 दिन तक आमने-सामने थीं। चीनी सेना भारतीय सीमा के पास सड़क बना रहा था जिसे भारत ने रोक दिया था।
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युआन ने कहा, 'अब हमे इस तरह की समस्याओं से सामना करना पड़ता है और रक्षा करना हमारे हित में है।'
इंडो-पैसिफिक पर बन रहे तार देशों के समूह के बारे में उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत को प्रमोट किया जा रहा है हो सकता है कि ये एक ट्रैप की तरह काम करे।
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उन्होंने कहा कि भारत के लिये ये अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका और चीन से संचुलित संबंध बना कर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि चतुर भारतीय नेतृत्व कभी भी चीन के साथ संबंधों को खराब करना नहीं चाहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के साथ संबंधों को लेकर भारत को सावधानी बरतनी चाहिये।
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Source : News Nation Bureau