अमेरिका और चीन ने गुरुवार को एक दूसरे के 16 अरब डॉलर मूल्य के सामानों पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया। हालिया व्यापार युद्ध में वृद्धि विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अधिकारियों की वाशिंगटन में टैरिफ वार्ता पर बैठक के बीच हुई है। अब तक दोनों देश ने कुल 100 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगाया है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि के बाद से 16 अरब डॉलर मूल्य की चीन की वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लागू कर दिया। इस कर में 279 चीन के उत्पादों को निशाना बनाया गया। इसमें रसायन उत्पाद, मोटरसाइकिल, स्पीडोमीटर व एंटीना शामिल है।
चीन ने भी 16 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाकर अमेरिका का जवाब दिया। इन वस्तुओं में रसायनिक उत्पाद, डीजल ईंधन, चिकित्सा उपकरण, कार और बसें शामिल हैं।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसके पास जवाबी उपाय अपनाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
इसमें कहा गया कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज करेगा। चीन ने जुलाई में अमेरिका के पहले चरण के अतिरिक्त शुल्क लागू करने के बाद डब्ल्यूटीओ में एक शुरुआती शिकायत दर्ज की थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के उप वाणिज्य मंत्री वांग शौवेन पहले ही कम स्तर की (लो लेवल) वार्ता के लिए अमेरिका में हैं। लेकिन, ऐसी उम्मीद नहीं है कि वह विवाद को खत्म कर पाएंगे।
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को 'सजा' देने की कोशिश के तहत जुलाई में व्यापार विवाद की शुरुआत की थी। ट्रंप चीन पर अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाते रहे हैं। इसमें बौद्धिक संपदा को चुराने की बात शामिल है।
जुलाई में पहले चरण में अमेरिका ने चीन के 34 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगाया था। चीन ने भी इसी तरह से अमेरिका का जवाब दिया था।
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इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की बौद्धिक संपदा प्रथाओं, औद्योगिकी सब्सिडी कार्यक्रमों व टैरिफ संरचना में बदलाव पर सहमत होने तक चीन से अमेरिका को निर्यात होने वाले सालाना 500 अरब अमरीकी डॉलर से ज्यादा की वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लागू करने की धमकी दी थी।
चीन, अमेरिका के आरोपों से इनकार करता है और जोर देकर डब्ल्यूटीओ के नियमों के पालन की बात कहता है।
Source : IANS