पुलवामा का गुनहगार व जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में बार-बार अड़ंगा लगा रहे चीन का वीटो पावर काम नहीं आएगा. अमेरिका ने फ्रांस और ब्रिटेन के साथ मिलकर अन्य सदस्यों देशों से मसूद को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर बात करेंगे और समिति पर दबाव बनाएंगे.
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चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अड़ंगा लगाने के बाद अब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने खुद आगे बढ़कर इस पर काम करने का तय किया है. बता दें जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर ने भारत का समर्थन किया था. तब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने ही UNSC में मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की पहल की थी. लेकिन चीन हर बार की तरह इस बार भी अड़ंगा लगा दिया और प्रस्ताव पास नहीं हो सका था.
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अब एक बार फिर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन मिलकर प्रस्ताव के ड्राफ्ट को आगे बढ़ा रहे हैं. ये प्रस्ताव UNSC के सभी 15 सदस्यों को दिया गया है और सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर ये प्रस्ताव पर देशों की सहमति बनती है तो मसूद अज़हर पर ट्रैवल बैन, संपत्ति सीज़ होना जैसी कई कार्रवाई हो सकती हैं.इसके अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी ट्वीट कर चीन को लताड़ लगाई. उन्होंने लिखा कि एक तरफ चीन अपने देश में मुस्लिमों को प्रताड़ित कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ एक इस्लामिक आतंकी संगठन की संयुक्त राष्ट्र में रक्षा कर रहा है.
बता दें कि चीन इस समिति का स्थायी सदस्य है, यही कारण है कि उसके पास वीटो पावर है. इसी के चलते वह किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की क्षमता रखता है, मसूद अजहर के मामले में उसने 4 बार ऐसा किया है. वहीं अगर समिति के स्थायी सदस्यों के अलावा अन्य अस्थाई सदस्य भी किसी मुद्दे पर सहमत हो जाएं तो फिर प्रस्ताव पास किया जा सकता है, ऐसे में फिर किसी एक सदस्य की नाराज़गी काम नहीं करेगी.
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पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी की रात को पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी. इस एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया गया था, लेकिन पाकिस्तान इस दावे को नकारता रहा, इसके बावजूद उसने अभी तक किसी भी निष्पक्ष दल या मीडिया को उस जगह पर जाने की अनुमति नहीं दी है.
Source : News Nation Bureau